नई दिल्ली: पुर्तगाल की संसद ने ऐतिहासिक फैसला लिया है। फैसला लेते हुए ऐसे कानून को मंजूरी दी गई है जिसमे नागरिकों को 16 साल की उम्र से अपना लिंग परिवर्तन करने और नाम बदलने की अनुमति होगी और इसके लिए उन्हें कोई मेडिकल रिपोर्ट भी नहीं दिखानी होगी।
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पुर्तगाल के राजनीतिक दल लेफ्ट ब्लॉक से सांसद सैंड्रा चुन्हा ने कहा कि इस कानून के आ जाने से पुर्तगाल डेनमार्क,माल्टा,स्वीडन,आयरलैंड और नॉर्वे जैसे देशों की जमात में शामिल हो गया है और यह ‘‘छठा ऐसा यूरोपीय देश बन गया है जो किसी तीसरे पक्ष के संरक्षण के बगैर और पहचान के संकट से गुजर रहे व्यक्ति को अपना उपचार कराए बिना ही उसके लिंग के आत्मनिर्णय के अधिकार को स्वीकृति देता है।
उन्होंने कल मतदान से पहले हुए संसदीय बहस में दलील दी थी कि कोई पुरूष है या महिला , लड़का है या लड़की , यह बताने के लिए उसे किसी तीसरे पक्ष की जरूरत नहीं होती। पुर्तगाल में वर्ष 2011 से अमल में आये एक कानून के मुताबिक ट्रांसजेंडर नागरिकों को जेंडर डिस्फोरिया की मेडिकल जांच करानी होती थी।