लखनऊः आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए सभी राजनीतिक दलों के नेता किसी भी मुद्दे को जाने नहीं देना चाहते। इसी तरह आज केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने बसपा अध्यक्ष मायावती के बयान पर पलटवार किया है।
नोटबंदी के समय 104 करोड़ जमा किए
पासवान ने कहा कि दलित और गरीब की रहनुमा होने का नाटक करने वाली मायावती ने नोटबंदी के समय 104 करोड़ बैंक में जमा करवाए और अब वह स्विस बैंक में जमा पैसों का हिसाब मांग रही हैं। अपना दल के संस्थापक डॉ. सोनेलाल पटेल की 69वीं जयंती के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में पासवान ने कहा कि जाति व्यवस्था देश के लिए कलंक है।
लड़ाई हिंदू-मुसलमान की नहीं
इस दौरान रामविसास ने कहा कि हमारी लड़ाई हिंदू-मुसलमान की नहीं है, बल्कि देशभक्त ओर देशद्रोही के बीच है। जब तक जाति व्यवस्था इस देश से खत्म नहीं होती, तब तक बराबरी के अधिकार की बात बेमानी है। उन्होंने कहा कि देश में ऐसी विभूतियों की कमी नहीं रही। जिन्होंने अगड़ी जाति का होने के बावजूद पिछ़ड़ों और दलितों के उत्थान के लिए काम किया।
पूर्व प्रधानमंत्री वी पी सिंह क्षत्रिय थे मगर आरक्षण के लिए मंडल कमीशन उन्हीं के महज 9 महीने के कार्यकाल में अस्तित्व में आया। दयानंद सरस्वती, गौतम बुद्ध समेत कई ऐसे नाम हैं जिन्होंने समाज में बराबरी की वकालत की। गौरतलब है कि मायावती ने कहा था कि स्विस बैंक ने भारतीयों के जमा धन में 50 फीसदी के इजाफे का श्रेय क्या भाजपा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार लेना पसंद नहीं करेगी। भारत में कमाया गया धन विदेशी बैंकों में क्यों है इसकी जानकारी देने के लिए मोदी को आगे आना चाहिए।