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केंद्र की मोदी सरकार ने प्रशासनिक व्यवस्था में एंट्री को लेकर किया ये बड़ा बदलाव

10 01 2018 pmmodi1 केंद्र की मोदी सरकार ने प्रशासनिक व्यवस्था में एंट्री को लेकर किया ये बड़ा बदलाव

नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार ने प्रशासनिक व्यवस्था में एंट्री को लेकर अब तक का सबसे बड़ा बदलाव किया है। सरकार के इस बदलाव के तहत अब नौकरशाही में प्रवेश के लिए संघ लोक सेवा आयोग यानी UPSC परीक्षा पास करना जरूरी नहीं होगा। केंद्र सरकार ने लैटरल एंट्री के जरिये इस योजना को नया रूप दिया है। इसके तहत अब प्राइवेट कंपनियों में काम करने वाले सीनियर अधिकारी भी नौकशाही का हिस्सा बन सकते हैं।

 

10 01 2018 pmmodi1 केंद्र की मोदी सरकार ने प्रशासनिक व्यवस्था में एंट्री को लेकर किया ये बड़ा बदलाव

 

बता दें कि मोदी सरकार को लैटरल एंट्री के तहत 10 ज्वॉइंट सेक्रेटरी के पोस्ट के लिए ‘टैलेंटेड और मोटिवेटेड’ भारतीयों की तलाश है। सरकार ने इन पदों पर नियुक्ति के लिए डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग (DOPT) के लिए विस्तार से गाइडलाइंस के साथ अधिसूचना जारी की है। DOPT की अधिसूचना के तहत राजस्व, वित्तीय सेवा, आर्थिक मामले, कृषि, किसान कल्याण, सड़क परिवहन और हाइवे, शिपिंग, पर्यावरण विभाग में ज्वॉइंट सेक्रेटरी के लिए आवेदन मांगे गए हैं।

क्या होगी योग्यता?

वहीं विशेषज्ञता के अलावा इन पदों पर आवेदन के लिए न्यूनतम उम्र कम से कम 40 साल होनी चाहिए, जबकि अधिकतम उम्र की कोई सीमा नहीं है। उम्र का निर्धारण 1 जुलाई 2018 के आधार पर किया जाएगा। आवेदक का किसी प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी या इंस्टीट्यूशन से ग्रेजुएट होना भी जरूरी है। समान्य ग्रेजुएट और किसी सरकारी या पब्लिक सेक्टर यूनिट या यूनिवर्सिटी के अलावा किसी प्राइवेट कंपनी में 15 साल काम का अनुभव रखने वाला भी इन पदों के लिए आवेदन कर सकता है।

कैसे होगी नियुक्ति?

ज्वॉइंट सेक्रेटरी के पदों के लिए नियुक्ति प्रक्रिया में कोई लिखित परीक्षा नहीं है। शॉर्टलिस्टेड कैंडिडेट्स का बस इंटरव्यू होगा। कैबिनेट सेक्रटरी के नेतृत्व में बनने वाली कमिटी सभी कैंडिडेट्स का इंटरव्यू लेगी।

कब तक कर सकते हैं आवेदन?

ज्वॉइंट सेक्रेटरी के पदों के लिए आवेदन करने की लास्ट डेट 30 जुलाई शाम 5 बजे तक है।

कितने वक्त का होगा कार्यकाल?

अधिसूचना के मुताबिक, सभी ज्वॉइंट सेक्रेटरी का कार्यकाल 3 साल का होगा। अगर अच्छा प्रदर्शन हुआ, तो 5 साल तक के लिए इनकी नियुक्ति की जा सकती है।

कितनी होगी सैलरी?

इनकी सैलरी केंद्र सरकार के अंतर्गत ज्वॉइंट सेक्रेटरी लेवल की होगी। इन्हें 1 लाख 44 हजार 200 रुपये से लेकर 2 लाख 18 हजार 200 रुपये के रेंज तक सैलरी मिल सकती है। इसके साथ ही इन्हें सर्विस रूल की तरह काम करना होगा और दूसरी सुविधाएं भी उसी तरह मिलेंगी।

क्या कहता है पीएमओ?

पीएमओ में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि इससे उपलब्ध स्रोतों में से सर्वश्रेष्ठ को चुनने का मौका मिलेगा। इस बदलाव के पीछे सरकार का मकसद है कि हर भारतीय नागरिक को अपनी प्रतिभा और क्षमता के हिसाब से विकास सुनिश्चित करने के लिए मौका मिले।

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