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कश्मीर हिंसा मामले में अंतर्राष्ट्रीय जांच अत्यंत महत्वपूर्ण

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संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार प्रमुख ने कहा कि यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि एक स्वतंत्र, निष्पक्ष और अंतर्राष्ट्रीय दल को भारतीय एवं पाकिस्तान के शासन वाले कश्मीर में सीमा के दोनों तरफ स्थिति के आकलन के लिए मुक्त होकर दौरा करने दिया जाए। जेनेवा स्थित मानवाधिकार परिषद के प्रमुख जैद राद अल हुसैन ने मंगलवार को कहा, मैं भारतीय और पाकिस्तानी पक्षों द्वारा किए जा रहे दावों के वस्तुपरक आकलन के लिए एक स्वतंत्र, निष्पक्ष अंतर्राष्ट्रीय मिशन का वहां मुक्त आकलन करना अत्यंत महत्वपूर्ण समझता हूं।

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उन्होंने कहा, हमलोगों को पहले भी कई रिपोर्ट मिली है और अब भी यह जारी है, जिसमें दावा किया गया है कि भारतीय प्रशासन ने अपने नियंत्रण वाले क्षेत्र में बहुत अधिक बल का प्रयोग किया है। हम लोगों को इसके अलावा इस टकराव के कारण के रूप में दोनों पक्षों से परस्पर विरोधी कहानी सुनने को मिल रही है और ऐसी खबरें आ रही हैं कि बड़ी संख्या में लोग मारे गए हैं और घायल हुए हैं।

अल-हुसैन ने कहा कि दो माह पहले मानवाधिकार परिषद के 33वें सत्र में उन्होंने भारत और पाकिस्तान की सरकारों से कहा था कि वे मेरी टीम को कश्मीर घाटी और पाकिस्तान के शासन वाले कश्मीर में स्थिति के आकलन के लिए दौरा करने का निमंत्रण दें, लेकिन भारत से इसका जवाब मिलने का अब भी इंतजार है। पाकिस्तानी पक्ष ने नौ सितंबर को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार दल को पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर का दौरा करने का निमंत्रण मिला, लेकिन भारतीय पक्ष पीछे है।

उन्होंने कहा, भारत सरकार की ओर से मुझे अब भी औपचारिक पत्र मिलना शेष है। इसलिए मैं यहां दोनों सरकारों से सार्वजनिक तौर पर आग्रह करता हूं कि नियंत्रण रेखा के दोनों तरफ बिना शर्त मुआयना करने दें। उनकी यह टिप्पणी कश्मीर घाटी में पिछले दो माह से भी अधिक समय से जारी सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों में 85 लोगों के मारे जाने और बड़ी संख्या में घायल होने की खबरों के बीच आई है।

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