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अगस्त में 3.74 प्रतिशत के साथ थोक मंहगाई दर दो वर्षों के उच्चतम स्तर पर

india inflation759 अगस्त में 3.74 प्रतिशत के साथ थोक मंहगाई दर दो वर्षों के उच्चतम स्तर पर

नई दिल्ली। देश में जहां लोग यह उम्मीद लगाए बैठे है कि एक दिन मंहगाई पर सरकार काबू पा लेगी, उसी के विपरीत जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अगस्त के माह में मंहगाई में एकबार फिर बढ़ोत्तरी हुई है। रिपोर्ट के अनुसार अगस्त महीने में खान-पीने की चीजों, इलेक्ट्रोनिक उत्पादों और उन्य वस्तुओं की कीमतों में हुई बढ़ोतरी के कारण थोक महंगाई दर 3.74 फीसदी पर पहुंच गई, इससे पहले जुलाई माह में यही आंकड़ा 3.55 प्रतिशत पर था।थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित देश की वार्षिक महंगाई दर अगस्त में 3.74 प्रतिशत रही, जो पिछले माह 3.55 प्रतिशत थी। बुधवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, कुछ वस्तुओं में महंगाई दर उच्चतम बनी रही, जिसमें आलू (66.72 प्रतिशत), दाल (34.55 फीसदी) और फल (13.91 प्रतिशत) शामिल हैं। हालांकि, इस साल अगस्त में प्याज (64.19 प्रतिशत) की कीमतों में गिरावट देखी गई।

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वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, विनिर्मित उत्पादों और ईंधन की महंगाई दर क्रमशरू 2.42 फीसदी और 1.62 फीसदी रही।इससे पहले, सोमवार को केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) की ओर से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर जारी आंकड़ों में बताया गया कि वार्षिक खुदरा महंगाई दर अगस्त में 5.05 प्रतिशत हुई।

चीनी-आलू हुए महंगे- वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार अगस्त में दालों की महंगाई दर 34.55 फीसदी रही। इसी तरह समीक्षाधीन महीने में आलू 66.72 फीसदी महंगा हुआ, वहीं प्याज 64.19 फीसदी सस्ता हुआ। चीनी की महंगाई दर 35.36 फीसदी रही। वहीं माह के दौरान फल 13.91 फीसदी महंगे हुए। कुल मिलाकर अगस्त में खाद्य वस्तुओं की महंगाई घटकर 8.23 फीसदी रह गई, जो जुलाई में 11.82 फीसदी पर थी।यह थोक महँगाई का अगस्त 2014 के बाद का उच्चतम स्तर है। अगस्त 2014 में यह 3.85 फीसदी रही थी। थोक महँगाई फरवरी से लगातार सातवें महीने बढ़ी है। पिछले साल अगस्त में यह शून्य से 5.06 फीसदी नीचे रही थी। मौजूदा वित्त वर्ष के पहले पाँच महीने अप्रैल से अगस्त तक बिल्डअप मुद्रास्फीति की दर 0.23 फीसदी रही है।

रिटेल महंगाई दर में कमी जून माह के थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़ों को उपर की ओर संशोधित कर 2.12 प्रतिशत किया गया है। पहले इसका अस्थायी अनुमान 1.62 प्रतिशत लगाया गया था। जहां थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति बढ़ रही है वहीं खुदरा मुद्रास्फीति अगस्त में पांच माह के निचले स्तर 5.05 प्रतिशत पर आ गई।

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