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अगर राजस्थान में गजेंद्र सिंह शेखावत बने प्रदेश अध्यक्ष तो हार जाएंगे चुनाव

03 18 अगर राजस्थान में गजेंद्र सिंह शेखावत बने प्रदेश अध्यक्ष तो हार जाएंगे चुनाव

नई दिल्ली। राजस्थान में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष पद का मामला लगातार गरमाता ही जा रहा है। जहां एक ओर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का नाम अध्यक्ष पद के लिए जोर शोर से उठ रहा है तो वहीं दूसरी ओर वसुंधरा राजे के खेमे की ओर से केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के नाम का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। बता दे कि राजस्थान के करीब 15 मंत्री दिल्ली में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को बनाने के खिलाफ डेरा डाले हुए हैं। साथ ही बीजेपी के जाट और दूसरे जाति के विधायक भी दिल्ली में जाकर केंद्रीय नेतृत्व के फैसले के खिलाफ बीजेपी नेताओं को समझाने में लगे हैं।

03 18 अगर राजस्थान में गजेंद्र सिंह शेखावत बने प्रदेश अध्यक्ष तो हार जाएंगे चुनाव

क्यो चाहता हैं केंद्रीय नेतृत्व 

बता दे कि ऐसा कहा जा रहा हैं कि अब राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर और देरी नहीं की जाएगी और जल्द ही बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व अब इस मामले पर अपना फैसला सुना देगा। बता दे कि ऐसा कहा जा रहा है कि केंद्रीय नेतृत्व की ओर से साफ हो गया है कि कृषि राज्यमंत्री गजेंद्र सिंह ही राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष होंगे।

विरोधी खेमे की दलील

बता दे कि केंद्रीय नेतृत्व की ओर से राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर साफ तो हो गया है कि बीजेपी की ओर से कौन इस पद को संभालेगा लेकिन केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र सिंह को बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाने को लेकर राजपूत जाति समेत कई दूसरी जाति के नातओं की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस का सिलसिला शुरू हो चुका हैं।

पहली बार बगावती सुर

बता दे कि पहली बार इस तरह से केंद्रीय नेतृत्व के खिलाफ किसी राज्य की ओर से इतने तेजी से बगावती सुर उठ रहे हैं। पहली बार ऐसा हो रहा है जब बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व की ओर से फैसला तय हो चुका लेकिन उस फैसले को घोषित नहीं कर पा रहे हैं। बता दे कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का विरोध इसकी मुख्य और बड़ी वजह बताई जा रही है।

वसुंधरा राजे के समर्थक मंत्रियों और विधायकों ने बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर गजेंद्र सिंह के नाम पर एतराज जताया है। बता दे कि विराधियों का तर्क का है कि अगर गजेंद्र सिंह को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाता है तो बीजेपी के लिए विधानसभा चुनाव जीतना मुश्किल हो जाएगा। इसी सबंध में वसुंधरा राजे के करीबी मंत्री यूनुस खान, प्रभु लाल सैनी, रामप्रताप, राजपाल सिंह, बाबू सिंह राठौड़, कृष्ण दीपक, अजय किलक, गजेन्द्र सिंह खिंवसर समेत कई मंत्री लगातार दिल्ली में बीजेपी नेताओं से मिल रहे हैं।

गजेन्द्र सिंह हो सकते है प्रदेश अध्यक्ष 
बता दे कि केंद्रीय नेतृत्व इसलिए गजेंद्र सिंह शेखावत का नाम आगे कर रहा है क्योकि गजेन्द्र सिंह लंबे समय से आरएसएस से जुड़े रहे हैं। बीजेपी के कद्दावर नेता भैरों सिंह शेखावत की तरह ही गजेंद्र सिंह शेखावत को माना जाता है और राजपूत समाज में एक अच्छी पकड़ रखते हैं।

वसुंधरा खेमा क्यों कर रहा हैं विरोध
प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर लगातार केंद्रीय नेतृत्व गजेंद्र सिंह शेखावत का नाम आगे कर रही है लेकिन वसुंधरा खेमे के लोग गजेंद्र सिंह के नाम का विरोध लगातार कर रहे हैं क्योकि विरोधी खेमे के लोगों का कहना हैं कि अगर गजेंद्र सिंह अध्यक्ष बनते है तो राजपूत समाज को तो उनका वोट मिलेगा लेकिन गुर्जर समाज और बाकी की जातियों का वोट कट जाएगा क्योकि वसुंधरा राजे भी राजपूत है और गजेंद्र सिंह शेखावत भी राजपूत समुदायें से ताल्लुक रखते हैं और चुनाव जीतना मुश्किल हो जाएगा।

गजेंद्र सिंह बने तो कांग्रेस को होगा फायदा
वसुंधरा खेमा लगातार गजेंद्र सिंह शेखावत के नाम का विरोध कर रहे हैं इस विरोध क चलते एक और खबर सामनें आई हैं जिसनें केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के बेटे की ओर से राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के पेज पर जाकर यह लिख दिया कि अगर गजेंद्र सिंह शेखावत को अध्यक्ष बनाया गया तो कांग्रेस को 140 सीटें आएंगी हालांकि पोस्ट वायरल होते ही र्जुन राम मेघवाल के बेटे रवि शेखर की ओर से कहा गया कि नका मोबाइल टेबल पर रखा हुआ था और किसी ने उनका फोन उठाकर ये पोस्ट कर दी मैंने इस पोस्ट को नहीं किया है बहरहाल इस बात में कितनी सच्चाई है यें तो र्जुन राम मेघवाल के बेटे रवि शेखर ही जानते है।

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