हाल में सीरिया में हुए रासायनिक हमले के बाद अमेरिका ने बड़ी कार्रवाई की है। अमेरिका ने सारियै पर हवाई हमला किया है। जिसमें उसके साथ फ्रांस और इंगलैंड भी सामिल हैं। आपको बता दें कि सीरिया में हुए रासायनिक हमले को लेकर पहले ही डोनाल्ड ट्रंप पहले ने पहले ही बशर अल असद को चेताया था। पिछले हफ्ते हुए इस हमले में बच्चों समेत 75 लोगों की मौत हो गई थी। रायासनिक हमले को लेकर ट्रंप इतने गुस्से में थे कि उन्होंने सीरियाई राष्ट्रपति असद को ‘जानवर’ कहकर संबोधित किया था। हालांकि 12 अप्रैल को सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद ने सीरिया पर हमले को लेकर पश्चिमी देशों को चेतावनी देते हुए कहा कि डौमा पर संदिग्ध रासायनिक हमले के आरोप गलत और झूठे हैं।
वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीरिया हमले को लेकर रूस को भी घेरा है। ट्रंप ने कहा, ‘सीरिया पर हुआ हमला असद (सीरिया के राष्ट्रपति) के रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल को रोकने की रूस की विफलता का प्रत्यक्ष परिणाम है।’ ट्रंप ने कहा है कि सीरिया के खिलाफ अमेरिकी सैन्य कार्रवाई को ब्रिटेन और फ्रांस का समर्थन मिला है।
दूसरी तरफ रूस ने भी अमेरिका के खिलाफ सख्त तेवर दिखाए हैं। अमेरिका में रूसी दूतावास ने कहा कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का अपमान बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सीरिया पर हवाई हमले से रूस और अमेरिका समेत पश्चिमी देशों के बीच टकराव होने की आशंका बढ़ गई है।
इसके अलावा बशर अल असद ने अमेरिका की तरफ से किए गए इस मिसाइली हमले को ‘अंतराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन’ बताया है। उन्होंने ट्वीट करके कहा, ‘अच्छी आत्माओं को दबाया नहीं जा सकता है।’