Breaking News featured दुनिया

जिनपिंग को 2023 के बाद भी राष्ट्रपति बनाने पर आमादा चीनी हुकुमत, लोगों ने किया विरोध

Xi Jinping Reu जिनपिंग को 2023 के बाद भी राष्ट्रपति बनाने पर आमादा चीनी हुकुमत, लोगों ने किया विरोध

बीजिंग। चीन की एकमात्र सत्ताधारी राजनीतिक पार्टी कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना एक बार फिर शी जिनपिंग को अनश्चितकाल के लिए राष्ट्रपति बनाने की तैयारी कर रही है। पार्टी की इस मंशा के चलते चीन की जनता आक्रोशित हो गई है और सोशल मीडिया पर लोग इसका विरोध कर रहे हैं। लोग जिनपिंग की दोबारा सत्ता की तुलना उत्तर कोरिया के तानाशाह किम-जोंग-उन से कर रहे हैं, लोगों का कहना है कि हम भी किम जोंग के विचारों पर आगे बढ़ रहे हैं। आपको बता दें कि चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी ने राष्ट्रपति पद पर लगातार दो कार्यलय की समयसीमा के संवैधानिक प्रावधान को खत्म करने के लिए प्रस्ताव पेश किया है। इस प्रावधान को मंजूरी मिलने के बाद जिनपिंग 2023 के बाद भी चीन के राष्ट्रपति बने रहेंगे। Xi Jinping Reu जिनपिंग को 2023 के बाद भी राष्ट्रपति बनाने पर आमादा चीनी हुकुमत, लोगों ने किया विरोध

वहीं सोशल मीडिया पर लोगों के आर्टिकल को ब्‍लॉक करना शुरू कर दिया गया है और कम्युनिस्ट पार्टी की तारीफ में लेख प्रकाशित किया जाने लगा है। प्रस्‍ताव के विरोध में एक वेईबो यूजर ने रविवार को लिखा कि हम उत्‍तर कोरिया बनने जा रहे हैं, जहां 1940 से किम राजवंश का शासन है। किम द्वितीय संग ने 1948 में उत्‍तर कोरिया की स्‍थापना की थी और तब से उनका परिवार इस पर शासन करता आ रहा है। वहीं एक अन्‍य यूजर ने कहा कि हम हमारे पड़ोसी देश के नक्‍शे कदम पर चल रहे हैं। हालांकि रविवार देर शाम तक वेईबो से चीन ने सारे पोस्‍ट डिलीट कर दिए और ‘टू टर्म लिमिट’ सर्च टर्म को ब्‍लॉक करना शुरू कर दिया।

वहीं ‘ग्‍लोबल टाइम्‍स ने अपने एक संपादकीय में कहा कि बदलाव का ये मतलब नहीं कि राष्‍ट्रपति का कार्यकाल हमेशा बना रहेगा। हालांकि अखबार ने इस पर विस्‍तृत स्‍पष्‍टीकरण नहीं दिया है। पार्टी के आधिकारिक अखबार पीपुल्‍स डेली ने शिन्‍हुआ न्‍यूज एजेंसी के एक आर्टिकल को दोबारा छापा, जिसमें कहा गया है कि अधिकतर लोगों ने संविधान में संसोधन का समर्थन किया है। उन्‍होंने इस संवैधानिक सुधार के लागू होने की उम्‍मीद जताई है। रविवार को पार्टी की सेंटर कमेटी ने संविधान के उस प्रावधान में बदलाव का प्रस्ताव पेश किया, जिसमें देश के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति को लगातार दो कार्यकाल से ज्यादा बार पद पर रहने की अनुमति नहीं है।

 

Related posts

इंडोनेशिया में आत्मघाती विस्फोट-राष्ट्रपति ने बताया कायराना और मूर्खतापूर्ण

mohini kushwaha

#MeToo: राहुल जौहरी पर लगे आरोपों की होगी जांच, तीन सदस्यीय पैनल गठित

mahesh yadav

बाढ़ पीड़ितो के लिए मदद और संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव के निधन पर शोक जताने के लिए थरूर को मिली जेनेवा की इजाजत

Rani Naqvi