नई दिल्ली। पाकिस्तान और बांग्लादेश की सीमा पर घूसपैठ की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए सीमा सुरक्षा बल 7000 नए सैनिकों की भर्ती करेगा, जिसे केंद्र सरकार ने मंजूरी दे है। इन सात हजार जवानों की तैनाती बांग्लादेश और पाकिस्तान की सीमा पर घूसपैठ और तस्करी को रोकने के लिए की जाएगी। गृह मंत्रालय ने बीएसएफ को इसके लिए करीब 2090.94 करोड़ रूपए की राशि भी मंजूरी कर दी है। तस्करी और घुसपैठ रोकने के लिए भारत-बांग्लादेश सीमा पर नई बटालियन तैनात किए जाएंगे। जानकारी के मुताबिक एक साल के अंदर छह नई बटालियन में सैनिकों को शामिल कर सीमा पर भेज दिया जाएगा।
गौरतलब है कि प्रत्येक बीएसएफ बटालियन में 1,000 से ज्यादा जवान और अधिकारी होते है।गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, 19 जनवरी को नई बटालियनों को बढ़ाने के लिए बीएसएफ के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी और बीएसएफ मुख्यालय से इन्हें संचालित करने की प्रक्रिया शीघ्र शुरू करने के लिए कहा था। पाकिस्तान और बांग्लादेश से लगी सीमाओं की पहरेदारी के बल के कार्य के तहत चार बटालियनों का गठन किया जाएगा। जबकि शेष दो बटालियन कार्यकारी इकाइयों की पूरक होंगी और वे पहले से तैनात जवानों की जगह लेगी।
पीटीआई ने बताया था कि सरकार देश की दो महत्वपूर्ण बीएसएफ और आईटीबीपी की नई बटालियन के लिए योजना बना रही है। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस को चीन के साथ 3,488 किमी लंबी भारतीय सीमा की रक्षा के लिए काम सौंपा गया है। आईटीबीपी की नई बटालियन की मंजूरी के लिए भी गृह मंत्रालय में प्रक्रिया अंतिम चरणों में है। सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की बात करे तो जिसे नेपाल और भूटान के साथ भारतीय सीमाओं की रक्षा करने का काम सौंपा गया है।