नैनिताल। नैनिताल हाईकोर्ट ने ये साफ निर्देश दिए हैं कि उत्तराखंड की मुख्य नदियों और उनकी सहायक नदियों के किनारें में कोई कूड़ा नहीं दिखाना चाहिए। इसके लिए संबंधित जिलो के डीएम और उपजिलाधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार बताते हुए न्यायालय ने कूड़ा निस्तारण के लिए एक स्प्ताह का समय दिया।
बता दें कि इसी के साथ न्यायालय ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि वन क्षेत्र में किसी भी तरह का कूड़ा डंप नहीं किया जाएगा। कोर्ट ने राष्ट्रीय उद्दानों और वन्य जीव सरंक्षण क्षेत्र आदि को प्लास्टिक फ्री जोन घोषित करने का निर्देश दिया है। इन क्षेत्रों में पर्यटन अधिकतम पानी की दो बोतलें लेकर ही जा सकते हैं।
वहीं केदारनाथ आपदा से संबंधित एक याचिका को निरस्तारित करते हुए बुधवार को हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को केदारनाथ क्षेत्र में फिर से शवों की खोज का अभियान चलाने को कहा है।