नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में हुए एक कार्यक्रम में पीएम मोदी ने भ्रष्टाचार, नोटबंदी और केंद्र सरकार की आगामी योजनाओं को लेकर अपनी बात रखी। पीएम ने कहा कि केंद्र सरकार के लिए भ्रष्टाचार मुक्त भारत, नागरिक केंद्रित और विकास हितैषी सिस्टम सबसे बड़ी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि नीतियों पर आधारित, तकनीक पर आधारित, पारदर्शिता पर आधारित एक ऐसा सिस्टम हो जिसमें गड़बड़ी होने की आशंका बिल्कुल न के बराबर हो। पीएम ने केंद्र सरकार कि योजनाओं का बखान करते हुए कहा कि देश की 15 करोड़ गरीब जनता सरकार की बीमा योजना से जुड़ चुके हैं, जिसके तहत गरीबों को लगभग 1800 करोड़ रुपये की राशि दी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि और किसी सरकार ने दिए होते तो उसे अभी तक मसीहा के तौर पर प्रोजेक्ट किया जा चुका होता।
पीएम ने कहा कि पहले की सरकार में जो एलईडी बल्ब 300 से 350 रुपये में बिकता थास उसे हमने अब एक मध्यम वर्ग के परिवार के लिए 50 रुपये में कर दिया है। उन्होंने बताया कि उज्जवला योजना शुरू होने के बाद से अबतक लगभग 28 करोड़ एलईडी बल्ब बिक चुके हैं, जिनसे देश की 14 हजार कोरड़ रुपये से ज्यादा की अनुमानित बचत हो चुकी है। पीएम ने कहा कि हमारे यहां जो सिस्टम था उसने भ्रष्टाचार को ही शिष्टाचार बना दिया था। 2014 में देश के सवा सौ करोड़ों ने इस व्यवस्था को बदलने के लिए वोट दिया था, वोट दिया था देश को लगी बीमारियों के परमानेंट इलाज के लिए, उन्होंने वोट दिया था न्यू इंडिया बनाने के लिए। मोदी ने यह भी कहा कि भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए मुझे जो भी कीमत चुकानी पड़े उसके लिए मैं तैयार हूं।
नोटबंदी के बाद देश में व्यवहारिक बदलाव आया है। आजादी के बाद पहली बार ऐसा हुआ है, जब भ्रष्टाचारियों को कालेधन के लेन-देन से पहले डर लग रहा है। उनमें पकड़े जाने का भय आया है। जो कालाधन पहले पैरेलल इकॉनॉमी का आधार था, वो औपचारिक अर्थव्यस्था में आया है। ऐसे ही एक स्थिर बदलाव को आधार नंबर से मदद मिल रही है। आधार एक ऐसी शक्ति है जिससे ये सरकार गरीबों के अधिकार को सुनिश्चित कराना चाहती है। सस्ता राशन, स्कॉलरशिप, दवाई का खर्च, पेंशन, सरकार की तरफ से मिलने वाली सब्सिडी, गरीबों तक पहुंचाने में आधार की बड़ी भूमिका है।