नई दिल्ली। केरल में हिंदू लड़की द्वारा एक मुसलमान लड़के से शादी करने के बाद धर्म बदलने की बात को लव जिहाद का रूप दिया गया, जिसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम लड़के से शादी करने के बाद धर्मांतरण करने वाली हदिया ने कहा कि उसे उसकी आजादी चाहिए। हदिया ने ये बात सुप्रीम कोर्ट के मुख्य चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा कि खंडपीठ के सामने कही। चीप जस्टिस ने जब हदिया से पूछा कि वो अपनी पढ़ाई राज्य के खर्च पर जारी रखना चाहती है तो हदिया ने कहा हां, लेकिन जब मेरा पति मेरा खर्चा वहन करने में सक्षम है तो फिर मैं क्यों राज्य के खर्च पर पढ़ाई करूं।
हदिया के इस जवाब के बाद सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि हदिया अपनी पढ़ाई करने के लिए कॉलेज जाएगी और वो कॉलेज हदिया को हॉस्टल की सुविधा मुहैया कराएगा। वहीं अब इस मामले की अगली सुनवाई अगले साल जनवरी के तीसरे हफ्ते में होगी। हदिया के बयान से पहले उसके पति शैफी जहान की और से पक्ष रखते हुए वरिष्ठ वकील और कांग्रेसी नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि उन्हें दुख है कि लोग हदिया कि बात नहीं सुन रहे बल्कि मीडिया में चलाई जा रही खबरों की बात मान रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब हदिया खुद मौजूद है तो कोर्ट को उसकी बात सुननी चाहिए न कि एनआईए की। इस बीच एनआईए ने भी कोर्ट में एक सौ पन्नों की रिपोर्ट दाखिल कर दी।
अभियोजन पक्ष का कहना है कि इस्लामिक स्टेट के समर्थक हिंदू लड़कियों को मुसलमान बनाने के लिए लव जिहाद का सहारा ले रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी इस मामले की जांच कर रही है। हदिया अदालत को बताएगी कि उसने स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन किया है या उसे इसके लिए बाध्य किया गया है। निचली अदालत ने हदिया का बयान लेने का उसके पति का अनुरोध ठुकरा दिया था। शनिवार को नई दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले युवती ने बताया था कि उसने स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन किया है। एनआईए ने पिछले 28 महीने के दौरान केरल में अंतरधार्मिक विवाह करने वाले दर्जनों लोगों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की है।