उड्डपी। अयोध्या में विवादित परिसर पर रामजन्मभूमि के निर्माण को लेकर देश भर में चर्चाएं चल रही हैं। समझौते के समौदे पर विचार हो रहा है, इस मुद्दे से जुड़े सभी पक्षकारों से बातचीत की जा रही है। इसी बीच उड्डपी में धर्म संसद का संतों ने आयोजन किया। इसके प्रथम सत्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहनराव भागवत ने वहां आये संतों के समाज और लोगों के सामने अपना सम्बोधन व्यक्त करते हुए कहा कि वहां मंदिर ही बनेगा, उसी प्रारूप में बनेगा, उन्हीं पत्थरों से बनेगा और उन्हीं के नेतृत्व में बनेगा जो आंदोलन को यहां तक लेकर आए हैं। बहुत जल्द हिन्दू समाज का यह सपना भी पूरा होने वाला है।
उन्होने इस सत्र को सम्बोधित करते हुए कहा कि हिंदू समाज विजय की ओर बढ़ रहा है जो सुनिश्चत है। विश्व में हिंदू का सम्मान बढ़ रहा है, समरसतापूर्ण व्यवहार इस दिशा में महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने घोषणा की कि मंदिर, पानी और श्मशान सबके लिए हो समान यही मंत्र भारत के विकास का है। गौरक्षा के संदर्भ में उन्होंने कहा कि यह हिंदू समाज का संकल्प है जो किसी के बदनाम करने से रूकना नहीं चाहिए।
इस सत्र में जैन संत वीरेन्द्र हेगड़े जी ने कहा कि हिन्दू समाज अनादिकाल से चला आ रहा है। सब प्रकार के षड़यंत्रों और अत्याचारों के बावजूद भी हिन्दू को कभी समाप्त नहीं किया जा सका, हिन्दू हमेशा विजेता रहा है। सत्र को सम्बोधित करते हुए विश्व हिन्दू परिषद के कार्याध्यक्ष डॉ प्रवीणभाई तोगड़िया ने कहा कि मठ-मंदिरों का अधिग्रहण और ध्वंस किसी भी हालत में स्वीकार नहीं किया जा सकता। समाज को अस्पृश्यता से मुक्त करना ही होगा। गौरक्षा या राम मंदिर का संकल्प हिन्दू समाज को शीघ्र ही पूरा करना है।