प्रयागराज। ये तो सबको पता ही होगा कि साल 2019 में प्रयागराज में कुंभ मेले का आयोजन हुआ था और साल 2021 में यह कुंभ मेला देवभूमि हरिद्वार में लगेगा। प्रयागराज में लगे मेले में एक फर्जी बिल प्रस्तुत किए जाने के नाम पर नामी कंपनी लल्लू जी एंड सन्स समेत 11 साझेदारों के खिलाफ अपर कुंभ मेलाधिकारी दयानंद प्रसाद की ओर से एफआईआर दर्ज करा दी गई है। इस टेंट सुविधा प्रदाता कंपनी और उसके साझीदारों पर कूटरचित दस्तावेज बनाने और फर्जी भुगतान का आधार बनाने के लिए कुंभ मेला अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर से प्रपत्र तैयार करने का आरोप है। इसमें मेसर्स लल्लू जी एंड संस के अलावा रमेश कुमार अग्रवाल, जगदीश कुमार अग्रवाल, विनोद कुमार अग्रवाल, सुनील कुमार अग्रवाल, विपुल कुमार अग्रवाल, मुकुल कुमार अग्रवाल, हिमांशु अग्रवाल, निखिल कुमार अग्रवाल, उपांशु कुमार अग्रवाल, दीपांशु कुमार अग्रवाल के खिलाफ धारा धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने को लेकर 419,420,409,467,468,471, 120बी के तहत केस दर्ज कराया गया है।
लल्लू जी एंड संस समेत 11 साझेदारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज-
बता दें कि कुंभ-2019 में 109 करोड़ रुपये के भुगतान के लिए फर्जी बिल प्रस्तुत किए जाने पर शुक्रवार को नामी कंपनी लल्लू जी एंड संस समेत 11 साझेदारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी गई। अपर कुंभ मेलाधिकारी की तहरीर के मुताबिक कुंभ मेले में प्रयागराज मेला प्राधिकरण की ओर से देश के इतिहास में सबसे बड़े अस्थाई शहर का निर्माण कराया जाना था। इसके लिए टेंट, टीन, फर्नीचर की आपूर्ति के लिए लल्लू जी एंड संस को ठेकेदार के रूप में अधिकृत किया गया था। मेला प्राधिकरण के अफसरों ने बताया कि भुगतान के लिए इस टेंट कंपनी और उसके साझीदारों की ओर से 196.24 करोड़ रुपये बिल 27 फरवरी 2017 से छह जुलाई 2019 के बीच प्रस्तुत किए गए। सत्यापन के दौरान इसमें से सिर्फ 86.38 करोड़ रुपये केही बिल सही पाए गए। शेष 109.85 करोड़ रुपये केबिल तथ्य विहीन और गलत पाए गए। जनवरी-फरवरी 2019 में अलग-अलग तिथियों के इन बिलों को कुंभ मेला के बाद कूटरचित अभिलेखों के आधार पर तैयार किया गया है। इसके साथ ही 20 जनवरी 2019 को बिना कार्य कराए एक पत्र के अनुरोध पत्र प्राधिकरण के कर्मचारी के फर्जी हस्ताक्षर से कार्यालय आदेश के रूप में तैयार किया गया है। गलत बिलों के समर्थन में टेंट प्रदाता कंपनी व उसके साझीदारों ने सेक्टरवाइज अपने प्रतिनिधियों की सूची भी बनाई है।
109.85 करोड़ रुपये का फर्जी बिल भुगतान-
कुंभ मेला-2019 के लिए शासन की ओर से अनुमोदित बजट से टेंट कंपनी ने अलग-अलग विभागों से 171 करोड़ रुपये का भुगतान प्राप्त कर लिया है। लेकिन, लालचवश इस कंपनी और उसके साझीदारों ने 109.85 करोड़ रुपये का फर्जी बिल भुगतान के लिए प्रस्तुत किया, जो जांच में गलत पाया गया है। इसके लिए एजेंसी की ओर से झूठे साक्ष्य भी गढ़े गए हैं। इस आधार पर इनकोे ब्लैक लिस्ट भी कर दिया गया है। इसके साथ ही कुंभ मेला प्राधिकरण ने लल्लू जी एंड संस को पांच साल के लिए ब्लैक लिस्ट कर दिया है।