नई दिल्ली। नौसेना ने केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी योजना ‘मेक इन इंडिया’ और स्वदेशी निर्माण को बढ़ावा देते हुए बुधवार को टाटा पावर स्ट्रैजिक इंजीनियरिंग डिवीजन के साथ सचल गोताखोर खोजबीन सोनार के लिए करार किया है। रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण के तहत नौसेना द्वारा ये दूसरा समझौता है। इससे पहले नौसेना ने युद्धपोत में निगरानी रडार के लिए भी करार किया था। रक्षा मंत्रालय से गुरुवार को जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, सचल गोताखोर खोजबीन सोनार का निर्माण टाटा पावर एसईडी द्वारा बेंगलुरु में डीएसआईटी इजराइल से तकनीक हस्तांतरण के द्वारा किया जाएगा।
बता दें कि नौसेना ने केंद्र सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के तहत खरीदो और निर्माण (भारतीय) करो श्रेणी के तहत हथियारों और सेंसर को शामिल करने का कार्यक्रम बनाया है। सचल गोताखोर खोजबीन सोनार के नौसेना में शामिल होने से समुद्री अभियान के दौरान निगरानी क्षमता में सहायता मिलेगी।
वहीं इन सोनार की खरीद से नौसेना को युद्धपोतों को खतरों से बचाने में भी सफलता मिलेगी। उल्लेखनीय है कि हाल ही में थल सेना और वायुसेना ने अर्जुन टैंक, युद्धक विमान तेजस की निर्माण प्रक्रिया को ठुकरा दिया था। हालांकि थलसेना ने बाद में दो रेजिमेंट में बदलावों के साथ अर्जुन टैंक को शामिल करने का निर्णय किया था।