वाशिंगटन। जहां एक ओर भारत-अमेरिका के बीच कल सैन्य करार हुआ है वहीं ओबामा प्रशासन ने कहा है कि चीन को इन दोनों देशों के बीच के मजबूत संबंधों से डरने की कोई जरूरत नहीं है। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कल मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि स्पष्ट तरीके से कहूं तो भारत के साथ एक गहरे, मजबूत, ज्यादा सहयोगी द्विपक्षीय संबंध से किसी अन्य को डरने या इस बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है।
रक्षा समझौते पर चीन की प्रतिक्रिया से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए किर्बी ने कहा कि हम दोनों ही लोकतात्रिक देश हैं। अमेरिका और भारत के बीच पहले से ही कई क्षेत्रों में शानदार साझेदारी है। यह सिर्फ रक्षा या सुरक्षा से जुड़ा नहीं है। यह आर्थिक, व्यापार एवं सूचना और प्रौद्योगिकी साझा करने के बारे में भी है।
बता दें, रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर के अमेरिकी दौरे में बड़ा करार हुआ था जिसके तहत भारत, दुनिया के किसी भी अमेरिकी एयरबेस का इस्तेमाल कर सकेगा। इसके साथ ही भारतीय मिलिट्री एयरबेस पर अमेरिकी विमान भी उतर सकेंगे। इस करार के बाद दोनों देश रक्षा क्षेत्र में साजो-सामान संबंधी निकट साझेदार बनेगें और दोनों सेना मरम्मत एवं आपूर्ति के संदर्भ में एक दूसरे की संपदाओं और अड्डों का इस्तेमाल कर सकेंगे।