यूपी। बीएचयू मामला इन दिनों खासा सुर्खियों में बना हुआ है। छात्राओं पर हुए लाठीचार्ज का मामला भी शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। यह मामला सियासी होने के साथ ही गरमा गया है। अब इसके विरोध में प्रोफेसर समेत कई छात्र नेता शामिल हो गए हैं। प्रोफेसरों में से एक का कहना है कि कोड ऑफ कंडक्टर होने के कारण सभी सभी प्रोफेसर कुछ नहीं बोल रहे हैं।
उन्होंने कहा है कि प्रोफेसर पर आचार संहिता लगी हुई है। सभी अपना ऑपरेशन देख रही हैं। इस मामले में छात्र संघ के पूर्व नेता का कहना है कि दुनिया बदलती है तो बीएचयू को भी बदलना चाहिए था, लेकिन लंबे वक्त तक बीएचयू इस बात को समझ ही नहीं पाया है। छात्र संघ के पूर्व नेता ने आरोप लगाया है कि बीएचयू छात्रों पर अपनी विचारधारा और सोच थोप रहा है। ऐसे में बीएचयू छात्र ने कहा कि यहा पर सियासत नहीं हो रही है।
छात्र का कहना है कि यहां कोई छात्रसंघ नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर यहां सियासत होती भी है तो इसमें कोई बुरी बात नहीं है। उन्होंने कहा कि सियासत सही रास्ते जाए तो इसमें कोई बुराई नहीं है। आपको बता दें कि छात्राओं के विरोध प्रदर्शन पर भांजी गई लाठियों का मामला अब और भी ज्यादा उग्र होता जा रहा है। इस मामले ने उस वक्त और तूल पकड़ लिया जब इसने सियासी रंग लिया था।