प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वकांशी योजना स्वच्छ भारत अभियान पर हर साल कोड़ें रुपया खर्च कर दिया जाता है लेकिन इस अभियान में अपना दिन रात एख कने वाले कर्मचारियों की तरफ किसी का ध्यान नहीं जाता है। ड्यूटी के दौरान काम कर रहे कर्मचारियों की बीमारियों से ग्रस्त होकर मौत हो जाती है। दक्षिणी नगर निगम में 48 घंटे में एक कर्मचारी की मौत हो जाती है।
नगर निगम द्वारा जारी आंकड़ों से इस बात का खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार पिछले पांच सालों में निगम के 877 सफाई कर्मारियों की मृत्यु हो चुकी है। हालांकि, इतनी संख्या में कर्मचारियों की मौत का कारण बताने की स्थिति में निगम नहीं है। इस तरह से लगातार हो रही इन मौतों के बाद भी निगम सजग नहीं है। अभी तक उसने इसके कारणों का पता नहीं लगाया है। इतना ही नहीं अभी तक ना तो निगम की तरफ से कर्मचारियों के रूटीन स्वास्थ्य की जांच कराने की पहल की गई है और ना ही उन्हें अभी तक उन्हें धूल से बचने के लिए मास्क ही दिए गए हैं। जबकि कई बार पार्षद की तरफ से सदन में यह मुद्दा उठाया जा चुका है।
एक पार्षद द्वारा पूछे गए सवाल के बाद दक्षिण दिल्ली नगर निगम ने कर्मचारियों की मृत्यु संबंधी आंकड़े उपलब्ध करवाए हैं। कांग्रेस पार्षद दल के नेता अभिषेक दत्त ने जनवरी माह में सदन की बैठक में कई प्रश्न पूछे थे। जिनका हाल ही में उत्तर दिया गया है। सबसे चौंकाने वाला उत्तर सफाई कर्मचारियों की मृत्यु संबंधी आंकड़ों से जुड़ा है। बता दें कि दक्षिणी निगम में कुल 20,930 सफाई कर्मी तैनात हैं।
जोन कुल कर्मचारी मौतें (5 साल में)
मध्य 5377 430
पश्चिम 4232 200
दक्षिण 5120 178
नजफगढ़ 6222 069