featured दुनिया देश

पूर्वी पाकिस्तान से आए 63 हिन्दू बंगाली परिवारों को मिलेगा आशियाना, घर बनाने के सहायता देगी सरकार

11 11 2021 partition 22195717 94220143 पूर्वी पाकिस्तान से आए 63 हिन्दू बंगाली परिवारों को मिलेगा आशियाना, घर बनाने के सहायता देगी सरकार

1970 में बांग्लादेश का विभाजन होने पर पूर्वी पाकिस्तान में रह रहे हिन्दू बांग्लाशियो पर हो रहे अत्याचार को देखते हुए तत्कालीन भारत सरकार ने उन बंगलादेशियो को भारत लाकर उन्हें अलग अलग हिस्सों में बसाया था और कुछ बांग्लादेशियों को भारत की तमाम मीलों में नौकरी तो कुछ को जमीन दी गई थी जिससे ये अपना जीवन बसर कर सके । तब से लेकर अब तक ये पहचान ना मिल पाने का संघर्ष करते रहे है । वर्तमान सरकार की कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद से इनका चेहरा खिल गया और जो सरकारी सुविधाएं नही मिल पा रही थी।

अब पहचान मिलने के बाद उसका लाभ उठा पाएंगे । मेरठ हस्तिनापुर से 63 बांग्लादेशी परिवार को भी अब कानपुर देहात में बसाया जाएगा जिससे इनकी संख्या बढ़ेगी और ये सभी एक साथ रहेंगे , इन 63 परिवारों को कानपुर देहात के रसूलाबाद क्षेत्र में बसाने को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज ने कानपुर देहात पहुंचकर बांग्लादेशी परिवारों को दी जाने वाली भूमि का निरीक्षण किया और साथ ही उनकी समस्याओं को भी जानने की कोशिश करें।

cm yogi 8 पूर्वी पाकिस्तान से आए 63 हिन्दू बंगाली परिवारों को मिलेगा आशियाना, घर बनाने के सहायता देगी सरकार

कानपुर देहात के रसूलाबाद तहसील क्षेत्र में रह रहे बांग्लादेशियों को 1970 विभाजन के बाद में हो रहे इन पर अत्याचार को देखते हुए तत्कालीन सरकार ने इन हिन्दू बंगलादेशियो को भारत के अलग अलग हिस्सों में लाकर बसाया था इनके गुजर बसर के लिए मौजूदा सरकार ने कुछ को जमीनें दी थी तो कुछ को मिलो में काम दिया था पर 5 साल बाद मिले बन्द हो गई और ये लोग बेरोजगार हो गए । बांग्लादेश से आने के बाद से इनको ना तो किसी जात में शामिल किया और नाही इनको अपनी पहचान मिल पाई तब से लेकर अब तक ये अपनी पहचान के लिए संघर्ष कर रहे थे और सरकार से आस लगाए थे । प्रदेश के पुनर्वास विभाग का 10 साल पहले राजस्व विभाग में विलय हो गया था विभाग से प्रस्ताव तैयार ना हो पाने की वजह से इनके लिए अब पुनर्वास पैकेज कैबिनेट से मंजूर सरकार ने कराया है जिससे इनको अब अपनी एक पहचान मिल पाएगी और सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा ।

रसूलाबाद तहसील के पहाड़ीपुर ,इंद्रानगर ,भैसाय,ताजपुर,तरसौली क्षेत्र में सन 1970 में 350 परिवार को पूर्वी पाकिस्तान से भारत लाकर यहां बसाया गया था । इनको जीवन व्यापन के लिए कुछ जमीनें दी गई थी पर जमीन उपजाऊ न हो पाने की वजह से ये अपना गुजर बसर 50 सालो से मजदूरी के माध्यम से कर रहे है इनको सरकारी लाभ भी नही मिल पा रहा था पर अब इनको आस है कि सरकार के इस पैकेज से इन्हें कई योजनाओं का लाभ मिलेगा और इनको अपनी एक पहचान मिल सकेगी, लेकिन जहां एक और कानपुर देहात में रह रहे बांग्लादेशी परिवारों को जमीन और घर मिलने की खुशी है तो वही कुछ परिवार ऐसे भी हैं जिनके लिए कुछ समस्याएं अभी भी बनी हुई है सबसे बड़ी बात यह है इस जातिगत आधार पर अभी तक इनकी कोई गणना नहीं की गई है और ना ही इनको इनकी जाति का कोई प्रमाण पत्र दिया गया है।

अपनी जाति के प्रमाण पत्र के लिए यह बंगाली परिवार लंबे समय से संघर्ष भी कर रहे हैं और इस बात का इंतजार भी कि आखिर कब इनको जाति में संजोया जाएगा, इन परिवारों के आगे एक समस्या और भी है कि अपने बच्चों को बेहतर और उचित शिक्षा मुहैया कराने के लिए यह जागरूक तो है लेकिन इनको और उनके बच्चों को अभी तक स्कूल में किसी जाति वर्ग में नहीं रखा गया है जिसके चलते भारत के अन्य नागरिकों की तरह उनके बच्चों को स्कूल और सरकार के द्वारा जो सहायता राशि जिसे हम स्कॉलरशिप या वजीफा भी कहते हैं वह भी इन्हें उपलब्ध नहीं हो पा रही है, जहां एक और कानपुर देहात में रह रहे बंगाली परिवारों में सरकार से मिलने वाली सुविधाओं को लेकर नाराजगी बनी हुई है तो वही मेरठ के हस्तिनापुर से बसाई जाने वाले 63 हिंदू बंगाली परिवारों को इस बात की खुशी भी है कि उनके बीच में उनके अपने शामिल होंगे।

Related posts

देवबंद ने जारी किया मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ फतवा, जरी वाला बुर्का पहनना गलत

Breaking News

इस शहर में कंगना रनौत खोलने वाली हैं अपना कैफे और रेस्टोरेंट, देखिये साइट की तस्वीरें

Shagun Kochhar

पाकिस्तान के क्वेटा में हुआ आतंकी हमला,31 लोगों की मौत,IS ने हमले की ली जिम्मेदारी

rituraj