महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हो रहे अपराधों पर कितने सजग
महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हो रहे अपराधों को लेकर भी सरकार के तीन साल को भी सर्वे ने टटोला 60 फीसदी लोगों की माने तो पिछले तीन सालों में अपराध कम नहीं हुए हैं। तो वहीं 28 फीसदी लोगों का कहना है अपराध पहले से कम हुए हैं। भाजपा सरकार ने अपने घोषणा पत्र में भी इस बात का जिक्र किया था कि महिलाओं औरो बच्चों के साथ होने वाले अपराधों पर नकेल कसी जायेगी। लेकिन अपना वादा पूरा करने में 32 फीसदी लोगों का अनुमान है सरकार असफल रही है । तो वहीं 59 लोगों का कहना था कि सरकार अपने वादे पूरे करने में सफल रही है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कैसी उभरी है भारत की छवि
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि को लेकर पहले की सरकारों में और वर्तमान की सरकार में आम जनता को क्या अन्तर दिख रहा है ये सवाल बड़ा और गम्भीर होने के साथ पेचीदा है। इस पर लोगों की राय भी सर्वे ने ली।
81 फीसदी लोगों ने माना कि पहले के मुकाबले में छवि में सुधार आया है। जबकि 13 फीसदी लोगों की राय है कोई सुधार नहीं आया है। भारत और पाकिस्तान के रिश्तों और तल्खियों पर भी सवाल उठे तो 64 फीसदी लोगों ने सरकार ने तरीकों को ठीक माना जबकि 30 फीसदी ने कहा वो सहमत नहीं हैं।
सांसदों के कामों से मोदी राज में जनता कितनी खुश
देश की जनता अपने चुके सांसदों के कामों से कितनी खुश है इसे भी इस सर्वे ने जानना चाहा तो लोगों कहा कि सरकार के मौजूदा सांसद अपने कामों में असफल रहे हैं। 69 फीसदी लोगों ने इस बात को सर्वे रिपोर्ट में रखा है। वहीं 14 फीसदी लोगों की माने तो सांसदों ने अपने इलाकों की समस्याओं पर भारी निजात पाई है। सरकार के 3 साल के कार्यकाल के दौरान कई बिलों विधयकों के पारित होने के लिए सांसदों की भूमिका को लेकर 65 फीसदी लोग सरकार के पक्ष में है तो 28 नाराज दिखे हैं।
सर्वे रिपोर्ट में दिखाए गये तत्थों की माने तो सरकार के बेमिसाल 3 साल अभी कहना शायद ठीक ना होगा क्योंकि इस मामले ऐसे हैं , जिन पर सरकार का अभी बेहतर प्रदर्शन नहीं दिखा है। तो कई पर बस संतोषजनक रही है। लेकिन मोदी सरकार का क्रेज लोगों में अभी बरकरार है । ये हाल में हुए कई राज्यों के विधान सभा चुनावों में साफ दिखा है।
अजस्रपीयूष