नई दिल्ली। साल 2014 में 16 मई के दिन केन्द्र की सत्ता पर बड़ी जीत हासिल कर एनडीए गठबंधन ने यूपीए और कांग्रेस को वनवास पर भेज दिया। देश में बदलाव की ऐसी लहर बही की विपक्ष को सदन में अपनी दावेदारी पेश करने के लिए भी सत्तापक्ष के आगे मोहताज होना पड़ा। ये ऐतिहासिक जीत ना सिर्फ एनडीए की नहीं थी बल्कि भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार नरेन्द्र भाई दामोदर दास मोदी की थी।
नई सोच नया विजन नये तरीके के साथ नरेन्द्र मोदी जनता के बीच आये थे। आने वाली 26 मई को केन्द्र सरकार के गठन के तीन साल पूरे हो रहे हैं। लेकिन 16 मई को जीत के तीन साल पूरे हो गये हैं। सरकार अपनी 3 का लेखा-जोखा लेकर जनता के बीच खड़ी है।
3 साल में कितनी बेहतर रही मोदी सरकार
तीन साल की मोदी सरकार के कई बड़े और अहम फैसले हुए हैं। जिनके बाद देश में विपक्ष ने हाहाकर मचाया तो लोगों ने अपनी अलग-अलग राय रखी। इन फैसलों का जनता पर क्या और कैसा प्रभाव रहा इस बारे में लोगों का अलग-अलग मत है। देश में हाल ही में एक व्यक्तिगत संस्था ने इस बारे में सर्वे कराया था। आखिरकार बीते 3 सालों में मोदी सरकार कितनी बेहतर रही है। 17 फीसदी लोगों ने कहा कि सरकार ने उम्मीद से बेहतर काम किया है। तो 44 फीसदी का कहना है उम्मीद के मुताबिक काम किया है। तो वही 39 फीसदी लोगों का मत है कि सरकार ने उम्मीद से कम काम किया है।
मंहगाई के मोर्चे पर कितनी सफल है मोदी सरकार
वही इसी क्रम में जब लोगों से पूछा गया कि सरकार आवश्यक वस्तुओं की कीमतें कम करने में सफल रही है तो 28 फीसदी लोगों का कहना था सरकार ने काफी हद तक कीमतों पर नियंत्रण पाया है। तो 66 फीसदी लोगों का कहना था सरकार के नियंत्रण से कोई असर नहीं हुआ है। रोजमर्रा की जरूरतों के सामानों की कीमतों में कोई स्थिरता नहीं रही है।