featured देश मध्यप्रदेश राज्य

1984 सिख दंगा: शपथ से पहले कमलनाथ को सीएम पद से हटाने की मांग

kamalnath 1 1984 सिख दंगा: शपथ से पहले कमलनाथ को सीएम पद से हटाने की मांग

नई दिल्ली: कांग्रेस के लिए आज का दिन एक तरफ खुशी का तो दूसरा तरफ गम का माहौल लेकर आया है। एक तरफ आज पार्टी के तीन बड़े नेता मुख्यमंत्री पद की शपथ ले रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ दिल्ली हाईकोर्ट ने सज्जन कुमार को सिख दंगों का आरोपी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है।

kamalnath 1 1984 सिख दंगा: शपथ से पहले कमलनाथ को सीएम पद से हटाने की मांग

सिखों पर हुआ था बड़ा हमला

ऐसे में मध्यप्रदेश की कमान संभालने वाले कमलनाथ दंगों के आरोप में एक बार फिर घिर गए हैं। 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद दिल्ली में बड़ी संख्या में सिखों को मारा गया था। दंगे भड़काने के आरोप सज्जन कुमार और कमलनाथ पर लगे थे। दंगा पीड़ित लोगों ने कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाए जाने पर भी सवाल उठाए हैं।

कमलनाथ पर लगे हैं आरोप

कमलनाथ पर आरोप है कि दंगों के दौरान उन्होंने न केवल भीड़ का संचालन किया बल्कि गुरुद्वारे रकाब गंज की घेराबंदी के दौरान वहां दो घंटे तक मौजूद रहे। कमलनाथ ने इस मामले में खुद को निर्दोष बताया था। उनका कहना है कि वह पार्टी के कहने पर वहां भीड़ को हमला करने से रोकने के लिए गए थे।

विरोधियों को मिला हमला का मौका

सज्जन सिंह के दोषी करार होने और सजा मिलने के बाद भाजपा को कांग्रेस पर हमला करना का एक मौका मिल गया है। कमलनाथ के हाथ में मध्यप्रदेश की कमान दिए जाने के ऐलान के बाद से ही शिरोमणी अकाली दल, शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक समिति और आम आदमी पार्टी के विधायक सुखपाल खैरा ने इसका काफी विरोध किया था।

इस मामले पर वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा, ‘दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला स्वागत योग्य है। हम में से कई जो इसके गवाह हैं, यह शायद सबसे वीभत्स प्रकार का नरसंहार था जिसे हमने देखा था। कांग्रेस की सरकार उस दौरान लगातार इसे छुपाने की कोशिश कर रही थी। इसे रफा-दफा करने की कांग्रेस की साजिश असफल हो गई है। सज्जन कुमार 1984 में हुए दंगों का प्रतीक रहा है। सिख दंगों की विरासत कांग्रेस और गांधी परिवार की गर्दन के चारों ओर लटकी हुई है।’

सज्जन कुमार को 1984 के दंगों में दोषी करार दिए जाने पर वित्तमंत्री ने कहा, ‘यह विडंबना है कि ये आया उस दिन है कि जब सिख समाज जिस दूसरे नेता को दोषी मानता है, कांग्रेस उसे मुख्यमंत्री की शपथ दिला रही है।’ इसी बीच दिल्ली में कमलनाथ के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।

अकाली दल के लोकसभा सदस्य प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने सोमवार को उच्च न्यायालय के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा ‘‘कांग्रेस सिख समाज को यह जवाब दे कि कमलनाथ को कैसे मुख्यमंत्री बना दिया गया जबकि उनके साथी को सिख दंगा मामले में उम्रकैद की सजा सुनायी जा रही है। मैं समझता हूं कि अगर कांग्रेस ने उन्हें मुख्यमंत्री पद से नहीं हटाया तो उसे सिख समाज का गुस्सा झेलना पड़ेगा।’’ संसद भवन परिसर में चंदूमाजरा ने कहा कि वह अकाली दल की ओर से, सज्जन कुमार पर उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हैं।

Related posts

राज्यसभा चुनाव से पहले योगी के मंत्री ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, रखी ये बड़ी शर्त

rituraj

बजट 2020 में ये बड़े तोहफे दे सकती है मोदी सरकार, किसान, मिडिल क्लास, टैक्सपेयर्स समेत हर तबके को उम्मीदें

Rani Naqvi

अगर आपके पास है ये डाक टिकट, तो बन सकते हैं करोड़पति…

Breaking News