व्लादिमीर पुतिन ने चौथी बार रूस की सत्ता पर अपना परचम लहराया है। वह लगातार चोथी बार रूस में राष्ट्रपति चुनाव जीत गए हैं। सोमवार को प्रेजिडेंट के रूप में वह अपने चौथे कार्यकाल की शुरूआत करेंगे, लेकिन उससे पहले रूस के मास्को और सेंट पीटर्सबर्ग समेत बीस शहरों में शनिवार को उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए। इसके बाद उनके विरोधी नेता और भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम चला रहे अलेक्सी नवाल्नी समेत 1600 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया। अकेले मास्को में ही 500 से ज्यादा गिरफ्तारियां हुई हैं।
पुतिन के खिलाफ नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वह रूस के लोगों की उम्मीदों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। उन्हें गद्दी छोड़ देनी चाहिए। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि पुतिन उनके जार नहीं हैं। इससे पहले मई 2012 में भी पुतिन के तीसरे कार्यकाल के वक्त भी दसों हजार लोगों ने प्रदर्शन किया था। पुतिन पर लगातार विपक्ष के दमन का आरोप लगता रहा है।
पुतिन, जोसेफ स्टालिन के बाद दूसरे बड़े नेता हैं, जिन्होंने इतने लंबे वक्त तक रूस पर शासन किया। स्टालिन ने 1952 से 1982 तक रूस पर शासन किया। पुतिन 18 साल से रूस की सत्ता पर काबिज हैं।
सीरिया में सैन्य हस्तक्षेप और यूक्रेन से क्रीमिया को हड़प लेने के चलते पुतिन का पिछला कार्यकाल चर्चा में रहा। पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों और 2016 में दुनिया भर में गिरी कच्चे तेल की कीमतों के बाद रूस की अर्थव्यवस्था को उबारना बड़ी चुनौती साबित हो रहा है। वहीं इस चुनाव से पहले पुतिन ने लोगों से जीवन स्तर में सुधार का वादा किया था।