नई दिल्ली। हिन्दु धर्म में कलावे की काफी एहमियत होती है और इसे पूजा का काफी अहम माना जाता है। इसको कलावा, मौली या चरदु के नाम से भी जाना जाता है। इसे हमेशा घर का कोई बड़ा या पुरोहित ही बांधता है।
कलावा केवल धार्मिक कारणों से ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक कारणो से भी काफी शुभ और अच्छा माना जाता है। कलावा हाथ की कलाई पर बांधा जाता है।
– कलाई पर मौली बांधने से जीवन में आने वाले संकटो से रक्षा होती है, क्योंकि इससे त्रिदेव ब्रहमा, विष्णु और महेश तीनों देवों की कृपा मिलती है।
– मौली के धागे को कच्चे सूत से तैयार किया जाता है और ये कई रंगो में मिलता है। इनमें लाल, पीला, सफेद या नारंगी रंग अधिक प्रयोग किए जाते हैं। साथ ही इसे बांधने से शरीर को सकारात्मक ऊर्जा भी मिलती है।
– वैज्ञानिक त्थयों के मुताबिक कलाई पर जिस जगह कलावा बांधा जाता है, उस हिस्से से शरीर के कई प्रमुख अंगो तक पहुंचने वाली नसें गुजरती है। तो इससे रक्त संचार भी तीव्र होता है।
– कलाई पर बंधी मौली आपकी नसों को दुरुस्त रखती है। मौली बांधने से रक्त संचार अच्छा होता है जिसकी वजह से रक्तचाप, दिल के रोग, मधुमेह और लकवा जैसे गंभीर रोगों से काफी हद तक सुरक्षा मिलती है।