लखनऊ। सूबे के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने सूबे में विवाह को लेकर पंजीकरण करने का प्रस्ताव अपनी कैबिनेट की बैठक में पारित करा लिया है। अभी तक ये प्रस्ताव देश में केवल नागालैंड और उत्तर प्रदेश में नहीं लागू था। इस प्रस्ताव के बाद अब सूबे में विवाह के बाद उसका पंजीकरण करना सभी धर्म और जाति के लिए आनिवार्य कर दिया गया है।
बीते मंगलवार को लोकभवन में राज्यसरकार के प्रवक्ता और सूबे के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने इस बारे में जानकारी देते हुए साफ किया कि केन्द्र सरकार ने संविधान के अनुरूप विवाह पंजाकरण नियमावली बनाई है। अब इस नियमावली को प्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक के बाद सूबे में लागू करने की मंजूरी दे दी गई है।
इसे लागू करने के लिए महिला बाल विकास विभाग को जिम्मेदारी दी गई है। इस कानून में स्टांप और निबंधन विभाग को इसका क्रियान्वयन कराने की जिम्मेदारी दी गई है। इस प्रक्रिया के लिए सरकार एख ऑनलाइन पोर्टल का भी शीघ्र निर्माण करायेगी। इस पंजीकरण को सभी जाति और धर्मों पर समानरूप से लागू किया है। इस के तहत सभी को पंजीकरण कराना बहुत ही जरूरी होगा।
इस पंजीकरण में पति और पत्नी दोनों की तस्वीरें लगेंगी। इस पंजीकरण को एक विवाह के एक साल के भीतर कराने पर 10 रूपये शुल्क और उसके बाद कराने पर 50 रूपये शुल्क देना होगा। जल्दी इस पंजीकरण को लेकर सरकार द्वारा भी जिला मुख्यालयों पर शासनाआदेश जारी कर दिया जायेगा जिसमें तारीख और इस पंजीकरण को लेकर विस्तार से विवरण दिया जायेगा।