फतेहपुर। सूबे में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर अखिलेश सरकार लाख दावे करे लेकिन हालते तस्वीर कुछ अलग दास्तां बयां कर रही हैं। जिले में मानवता की सारी हदें पार हो गई हैं। कहने को तो जिला अस्पताल में मरीजो के लिये सारी सुविधाएं हैं। मगर हकीकत कुछ और है। सुर्खियों में बराबर बने रहने वाले जिला अस्पताल का नज़ारा कुछ अलग इस कदर है कि जिसे देख कर स्वास्थ्य सेवाओं की हालत साफ नजर आ रही है।
प्लास्टर रूम से मरीज को बहार जाने के लिये खुद रगड़ रगड़ कर जाना पड़ रहा है। स्ट्रेचर तो हैं मगर किसी हाथी के दांत से कम नहीं। कहने को तो यहां ट्रामा सेन्टर में तीन तीन स्ट्रेचर हैं और वार्ड बॉय ।मगर सुविधाओं के नाम पर सब जीरो। साथ आये हुये तीमारदारों को अपने मरीज को एक्सरे रूम हो या फिर वार्ड तक खुद अपने ऊपर लाद कर ले जाना पड़ता है। लगातार यह सिलसिला जारी है। यह पहला मामला नहीं इसके पहले भी कई बार ऐसी खबरें आती रही हैं।
जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की आँखे खुलने का नाम नहीं ले रही हैं। हद तो तब हो गयी की जब यहाँ के डियूटी बोर्ड में तारीख बदलने की किसी को फुर्सत नहीं है। एक तरफ आगामी चुनाव को देखते हुये। चुनाव आयोग ने आचार संहिता लगा दी। आखिरकार इस जिला अस्पताल की व्यवस्थाएं कब सुधरेगी, कब तक यहाँ के आम इंसानो को इसी तरह मुसीबतो का सामना करना पड़ेगा।
मुमताज़ इसरार, संवाददाता