featured धर्म भारत खबर विशेष यूपी राज्य

हुरियारों और ब्रज की गोपियों के बीच आज खेली जाएगी विश्वप्रसिद्ध लठमार होली, जाने क्या है महत्व

लठमार होली 4 हुरियारों और ब्रज की गोपियों के बीच आज खेली जाएगी विश्वप्रसिद्ध लठमार होली, जाने क्या है महत्व

होली 2020। ब्रज में होली का रसरंग परवान चढ़ने लगा है। ब्रज की गोपियों और सखियों ने कहीं लाठियां थाम ली हैं तो कहीं छड़ी लेकर हुरियारों को सबक सिखाने की तैयारी है। भगवान श्रीकृष्ण ही नहीं उनके बड़े भाई बलराम भी हुरंगा का मस्ती में डूबने को तैयार हैं। दाऊजी में हुरियारिनें पोतने की मार से हुरियारों को पस्त करेंगी। होली की मस्ती का यह आगाज बुधवार को बरसाने की लठामार होली से होगा। 

लठमार होली 2 हुरियारों और ब्रज की गोपियों के बीच आज खेली जाएगी विश्वप्रसिद्ध लठमार होली, जाने क्या है महत्व

इस होली के लिए देश-विदेश से भी पर्यटक बरसाना पहुंचे हैं। यहां रंगीली गली में अभी से रसरंग बरसने लगा है। इसी गली में हुरियारिनें नंदगांव के हुरियारों को प्रेमपगी लाठियों के करारे वार से पस्त करेंगी। अबीर-गुलाल के साथ प्राकृतिक रंगों की बरसात में लाखों श्रद्धालु नहाने को आतुर हो रहे हैं। कहा जाता है कि द्वापर में यहां स्वयं श्रीकृष्ण नदंगाव से अपने बाल-गोपालों के साथ राधारानी और उनकी सखियों से होली खेलने आए थे। इसीलिए यहां की होली में मस्ती से कहीं ज्यादा भक्ति है। भाव हैं और भावनाएं हैं। यहां हुरियारिनों और हुरियारों के बीच होने वाली हंसी-ठिठोली भी जमकर होती है, लेकिन सब कुछ मर्यादा में रहकर।

लठमार होली 3 हुरियारों और ब्रज की गोपियों के बीच आज खेली जाएगी विश्वप्रसिद्ध लठमार होली, जाने क्या है महत्व

हुरियारिनों और हुरियारों के बीच अथाह मानव समुद्र सिर्फ दर्शक बना नजर आता है। राधारानी को मस्तक नवाकर ही हुरियारे होली की शुरुआत करते हैं और उनकी सखियों के चरण छूकर होली से विदा लेते हैं। 

लठमार होली 5 हुरियारों और ब्रज की गोपियों के बीच आज खेली जाएगी विश्वप्रसिद्ध लठमार होली, जाने क्या है महत्व

उड़त गुलाल लाल भये बदरा की कहावत यदि कहीं चरितार्थ होती है तो वह बरसाना की लठामार होली में। राधाकृष्ण की परंपराओं में बंधी इसी होली के प्रतिरूप लठामार होली पांच मार्च को नदंगांव में भी होगी। तब बरसाने के हुरियारे नदंगांव की हुरियारिनों से लठामार होली खेलने जाएंगे। बरसाने की तरह नंदगांव में भी हुरियारिनें होली की तैयारी कर चुकी हैं। उनको इंतजार है बस बरसाने के हुरियारों के यहां पहुंचने का।

लठमार होली हुरियारों और ब्रज की गोपियों के बीच आज खेली जाएगी विश्वप्रसिद्ध लठमार होली, जाने क्या है महत्व

अब सात गलियों में होती है लठामार

ब्रज की लीलाओं के विलुप्त होने पर दक्षिण भारत से आये नारायण भट्ट ने करीब 550 वर्ष पूर्व बरसाना-नन्दगांव की लठामार होली का प्राकट्य कर शुरू कराया, जिसमें बरसाना-नंदगांव की लठामार होली प्रमुख है।  जो 300 वर्ष पहले तक रंगीली गली तक सीमित थी। अब होली सात गलियों के साथ मेन बाजार तक खेली जाती है। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए इसका दायरा बढ़ाने की मांग बढ़ती जा रही है। लठामार होली की परंपरा को बनाए रखने के लिए नन्दगांव और बरसाना के एक हजार से अधिक परिवार सम्मिलित होते हैं। दोनों गांवों की रंगीली गली की लंबाई चौड़ाई लगभग बराबर है। 300 साल से धीरे-धीरे लठामार होली का क्षेत्र बढ़ता जा रहा है। अब यह रंगीली गली से निकलकर मेन बाजार, फूल गली ,सुदामा चौक,  बाग मोहल्ला, कटारा पार्क भूमियां गली, होली टीला तक खेली जाती है।

Related posts

उत्तराखंड में पहाड़ तोड़ बारिश, चट्टानें टूटने का वीडियो आया सामने

Saurabh

सीएम रावत ने साध्वी उमा भारती के साथ राज्य की पेयजल योजनाओं के सम्बन्ध में की चर्चा

Rani Naqvi

सीएम त्रिवेंद्र ने किया उत्तराखंड सचिवालय गैरसैंण का शिलान्यास

Hemant Jaiman