featured देश

आरएसएस से जुड़े मजदूरों के संगठन ‘भारतीय मजदूर संघ’ ने दी 20 मई को देशभर में प्रदर्शन करने की चेतावनी 

rss आरएसएस से जुड़े मजदूरों के संगठन ‘भारतीय मजदूर संघ’ ने दी 20 मई को देशभर में प्रदर्शन करने की चेतावनी 

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े मजदूरों के संगठन 8216 भारतीय मजदूर संघ 8217 ने 20 मई को देशभर में प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है।

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े मजदूरों के संगठन 8216 भारतीय मजदूर संघ 8217 ने 20 मई को देशभर में प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है। मजदूर संघ का कहना है कि वह गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश के साथ राजस्थान, ओडिशा, गोवा और महाराष्ट्र में बदले गए लेबर लॉ के प्रावधानों पर आंदोलन करेगी।

गौरतलब है कि गुजरात, मध्य प्रदेश, गोवा और उत्तर प्रदेश में भाजपा की ही सरकार है, जबकि राजस्थान, महाराष्ट्र में कांग्रेस और ओडिशा में बीजू जनता दल नेतृत्व में है। ऐसे में भारतीय मजूदर संघ (बीएमएस) ने भाजपा के लेबर कानून में बदलाव के लिए भाजपा के खिलाफ ही बिगुल फूंकने की तैयारी कर ली है। बीएमएस का कहना है कि इन राज्य सरकारों के कदम श्रमिक कानूनों का उल्लंघन हैं और यह कामगारों के लोकतांत्रिक अधिकारों के भी हनन का मामला है। इन बदलावों ने श्रमिकों पर दबाव बनाने का काम किया है।

https://www.bharatkhabar.com/nirmala-sitharamans-third-press-conference-farmer-centric/

मजदूरों को मिलने वाली सुरक्षा में कमी आएगी

बता दें कि मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सरकारें पहले ही श्रमिक कानून के प्रावधानों को तीन साल के लिए बदलने का कदम उठा चुकी हैं। इसके तहत अब मजदूरों के काम के घंटे 8 से बढ़ाकर 12 किए गए हैं। माना जा रहा है कि जल्द ही अन्य राज्य भी इसी ट्रेंड पर लेबर कानून में प्रावधान करने जा रहे हैं। मजदूर संघ के प्रमुख विरजेश उपाध्याय ने कहा कि इस तरह श्रमिकों के हक के कानून बदलने के बारे में पहले कभी नहीं सुना गया और ऐसा तो गैर-लोकतांत्रिक देशों में भी नहीं देखने को मिलता। लेबर यूनियनों की शिकायत है कि इस तरह पुराने कानून को बदलने से मजदूरों को मिलने वाली सुरक्षा में कमी आएगी।

दरअसल, पिछले हफ्ते ही उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सरकार ने तीन नियमों को छोड़कर सभी श्रम कानूनों को तीन साल के लिए स्थगित करने का फैसला लिया था। इस अध्यादेश में करार के साथ नौकरी करने वाले लोगों को हटाने, नौकरी के दौरान हादसे का शिकार होने और समय पर वेतन देने जैसे तीन नियमों को छोड़कर अन्य सभी श्रम कानूनों को तीन वर्ष के लिए स्थगित कर दिया गया है।

Related posts

सीएम योगी के कांवड़ मार्ग पर प्रतिबंध के बाद भी दौड़ रहे हैवी वाहन,पुलिस मूकदर्शक बनी तमाशा देख रही

mahesh yadav

यूक्रेन में फंसी मध्यप्रदेश की MBBS की छात्रा शचि शर्मा, पीएम नरेंद्र मोदी से लगाई मदद की गुहार

Rahul

टेस्ट मैच से पहले इंग्लैंड कप्तान ने की बड़ी गलती! भारतीय टीम को मिल सकता है बड़ा फायदा

mahesh yadav