Breaking News featured देश धर्म

धर्मनिरपेक्ष देश धर्मस्थलों के संचालन, प्रबंधन में ज्यादा दिलचस्पी क्यों ले रहा: सुप्रीम कोर्ट

court supremecourt धर्मनिरपेक्ष देश धर्मस्थलों के संचालन, प्रबंधन में ज्यादा दिलचस्पी क्यों ले रहा: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को यह जानना चाहा कि एक धर्मनिरपेक्ष देश में सरकार धार्मस्थलों के संचालन और प्रबंधन में क्यों शामिल है। अदालत ने कहा कि पुरी के जगन्नाथ मंदिर जा रहे श्रद्धालुओं को प्रताड़ित किया जा रहा है और उनके साथ बुरा बर्ताव किया जा रहा है।

न्यायमूर्ति एस. अब्दुल नजीर के साथ बैठे न्यायमूर्ति एस.ए. बोबडे ने पूछा, “यह नजरिए की बात है। मुझे नहीं पता कि सरकारी अधिकारियों को धर्मस्थलों का संचालन या प्रबंधन क्यों करना चाहिए।” उन्होंने कहा कि वहां (जगन्नाथ मंदिर) जो लोग जाते हैं, अधिकांश लोग प्रताड़ित होकर, बुरे बर्ताव का सामना कर लौटते हैं और उनकी कोई नहीं सुनने वाला है। जब न्यायमूर्ति बोबडे ने इस मुद्दे को उठाया तो वरिष्ठ वकील गोपाल शंकरनारायणन ने अदालत से इस सवाल का जवाब देने का आग्रह किया कि एक धर्मनिरपेक्ष देश में सरकार कहां तक मंदिर को चला सकती है और उसका प्रबंधन कर सकती है। अदालत ने कहा कि वकील 13 मई को अगली सुनवाई पर इस पहलू के बारे में बात कर सकते हैं।

महान्यायवादी के.के. वेणुगोपाल ने अदालत को बताया कि केरल में सबरीमाला मंदिर को देवासम बोर्ड द्वारा चलाया जा रहा है और 1930 से तमिलनाडु में हिंदू धार्मिक एंडोमेंट बोर्ड कई मंदिरों को चला रहा है और उनका प्रबंधन कर रहा है।

Related posts

Supreme Court on Note Bandi: नोटबंदी पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला, केंद्र के फैसले को ठहराया सही

Rahul

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत बोले कोविड-19 के खिलाफ लङाई में देश का हर नागरिक पीएम के साथ

Samar Khan

21 साल का हुआ उत्तराखंड, पीएम मोदी और सीएम त्रिवेंद्र ने प्रदेशवासियों को दी शुभकामनाएं

Hemant Jaiman