15 जून की रात लद्दाख की गलावना घाटी में भारत और चीन के बीच हुई खूनी झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हुए तो चीन को लेकर खबर आयी की चीन के 35 से ज्यादा जवान मारे गये हैं। इसके साथ ही चीन का काफी नुकसान भी हुआ है। जिसके बाद दोनों देशों के बीच काफी विवाद बढ़ गया। जंग के हालातों के देखते हुए दोनों देशों के उच्च अधिकारियों ने बातचीत करके मामले को निबटाने की सहमति बनाई है।
लेकिन इस बीच चीन की तरफ से बड़ा बयान है। जिसमें चीन ने कहा है कि, गलवान घाटी में हुई खूनी झड़प में चीन को कोई भई सैनिक नहीं मारा गया है।चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह भी कहा कि पीएलए के 40 सैनिकों के मरने की खबर गलत है। चीनी विदेश मंत्रालय का यह बयान ऐसे समय पर आया है, जब जनरल स्तर पर बातचीत के दौरान चीन पूर्वी लद्दाख के तनाव वाले इलाके से अपने सैनिकों को हटाने पर सहमत हो गया है।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिजिआन झाओ ने एक सवाल के जवाब में कहा कि 15 जून को संघर्ष के बाद पहली बार हुई यह बातचीत यह दर्शाती है कि दोनों पक्ष आशा करते हैं कि मतभेदों को संवाद और सलाह के जरिए सुलझा लिया जाएगा। चीन के 40 सैनिकों की मौत के सवाल पर झाओ ने कहा, ‘मैं आपको निश्चित रूप से कह सकता हूं कि यह फर्जी खबर है।’
भारत और चीन लद्दाख में चल रहे तनाव में मंगलवार को कुछ कमी आती दिख रही है। कल हुई दोनों देशों के जनरल स्तर पर बातचीत के दौरान ड्रैगन पूर्वी लद्दाख के तनाव वाले इलाके से अपने सैनिकों को हटाने पर सहमत हो गया है। जिसके बाद उम्मीद की जा रही है कि, भारत और चीन के बीच चल रहा गतिरोध खत्म हो जाएगा।
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आपको बता दें, चीन ने पहली बार अपने सैनिकों के मारे जाने की खबर से इंकार नहीं किया है। इससे पहले भी जितनी बार भई भारत और चीन की झड़प हुई है। उसमें चीन ने कभी भी न तो अपना नुकसान सार्वजिक किया और न ही ये बताया कि, उनके कितने सैनिक मरे हैं।