नासा दुनियाभर में अपने अनोखे अविष्कारों के लिए जाना जाता है। है। लेकनासा अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी है। जिसका पूरा नाम नैशनल ऐरोनॉटिक्स ऐंड स्पेस ऐडमिनिस्ट्रेशन है। नासा अकसर नये अविष्कार करके दुनिया को चौंका देता है। ऐसा ही एक और नया अविष्कार नासा की तरफ से किया गया है। जिसने सबको चौंका दिया है। नासा ने महिलाओं के लिए 176 करोड़ रूपये खर्च करके एक अलग तरह का टाॉयलेट बनाया है।23 मिलियन डॉलर यानी 174 करोड़ रुपये से ज्यादा के बजट के इस टॉइलट को बनाने में 6 साल लगे हैं और इसे सितंबर तक इंटरनैशनल स्पेस स्टेशन भेजे जाने की तैयारी है।
अब तक महिलाओं के स्पेस में जाने में यह एक बड़ी चुनौती हुआ करती थी कि वहां उनके मुताबिक टॉइलट नहीं होते लेकिन महिला ऐस्ट्रोनॉट्स की संख्या बढ़ने के साथ आखिरकार यह अहम जरूरत पूरी होने वाली है।
अभी तक स्पेस में इस्तेमाल की जा रही माइक्रोग्रैविटी टॉइलट पुरुष ऐस्ट्रोनॉट्स को ध्यान में रखकर बनाए जाते थे लेकिन जैसे-जैसे महिला ऐस्ट्रोनॉट्स की संख्या बढ़ती गई, खास टॉइलट की जरूरत महसूस की जाने लगी। खासकर तब जब 2024 तक चांद पर आर्टेमिस मिशन के तहत एक महिला और एक पुरुष को भेजे जाने की तैयारी है। इसीलिए इस अलग तरह की टॉयलेट को बनवाया गया है।
पहले के सिस्टम्स के मुकाबले इसका वजह और आयतन कम होगा और इसे इस्तेमाल करना भी आसान होगा। यही नहीं, इसमें यूरिन (ट्रीटमेंट की सुविधा भी होगी जिससे स्पेसक्राफ्ट के रीसाइक्लिंग सिस्टम में इसे प्रॉसेस किया जा सकेगा। सीट पर बैठते वक्त ऐस्ट्रोनॉट्स के पैर फंसाने के लिए खास हुक भी लगे होंगे।जिसकी वजह से महिलाओं को किसी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।
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आपको बता दें जब अंतरिक्ष पर किसी को भएजा जाता है तो सबसे बड़ी समस्या मल-मूत्र की होती है। इससे निजात पाने के लिए इस विशेष तरह के टॉयलेट का निर्माण कराया गया है।