Brij Nandan
लखनऊ। पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह अपने तुकबंदी युक्त भाषणों और दृढ़तापूर्वक अड़ियल ढ़ंग से अपनी बात रखने के कारण प्रसिद्ध थे। उनकी सभाओं में उन्हें सुनने के लिए लोगों को हुजूम उमड़ता था। उनकी सभाएं में जय श्री राम के नारे से गूंज उठती थी। श्रीराम जन्मभूमि स्थल पर विवादित ढ़ांचे का विध्वंस उनके ही मुख्यमंत्री रहते ही हुआ। इसके बाद हिन्दुत्व के नायक के रूप में उनकी छवि समाज में बन गयी। बाबरी विध्वंस के बाद उनकी सभाओं में अक्सर लोग यह नारे लगाते थे ‘कल्याण सिंह कल्याण करो मंदिर का निर्माण करो’ । वह लोगों को शांत करते और लोगों को आश्वश्त करते थे मंदिर अवश्य बनेगा। आज उनका सपना पूर्ण हो रहा है।
कल्याण सिंह 2002 में भाजपा से अलग होने के बाद 2004 में फिर से भाजपा में आ गये थे। इसके बाद 2007 का यूपी विधानसभा चुनाव उनके नेतृत्व में लड़ा गया था। 2007 के विधानसभा चुनाव अभियान की शुरूआत कल्याण सिंह ने राम लला का दर्शन करने के बाद की थी। कल्याण सिंह लखनऊ से हजारों गाड़ियों के काफिले के साथ अयोध्या रामलला का दर्शन करने गये थे। रास्ते भर जगह-जगह उनका भव्य स्वागत किया गया।
अयोध्या जिले के मवई चौराहे पर भाजपा नेता व उत्तर प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य रघुनन्द चैरसिया के नेतृत्व में स्वागत सभा रखी गयी थी। यहां पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कल्याण सिंह ने कहा था सभी मुसलमान आतंकवादी नहीं होते हैं लेकिन मैं कहता हूँ कि सभी आतंकवादी मुसलमान ही क्यों होते हैं? वह अपनी बात बिना लाग लपेट के बड़ी बेबाकी से कहते थे। गांव गरीब किसान, झुग्गी,झोपड़ियों का इंसान, बेरोजगार नौजवान, माताओं और बहनों का सम्मान, दलितों और पिछड़ों का सम्मान करने की बात वह कहते थे।