बहरोड़ से संदीप कुमार शर्मा की रिपोर्ट
बहरोड़। किसान आंदोलन के चलते नेशनल हाईवे न. 48 पर शाहजहाॅपुर बोर्डर पर दिल्ली ओर जाने वाली हाईवे पट्टी को बन्द किये जाने के बाद दिल्ली और आस-पास पहुंचने वाले ट्रक, ट्रेलर आदि माल से भरे भारी वाहनों को बहरोड से डायवर्ट कर बहरोड़-कुण्ड मार्ग से भेजा जा रहा है। जो वाहन चालकों के लिए गले का फांस बना हुआ है। इस मार्ग से गुजरने वाले ट्रक चालकों को सफर के दौरान यही चिंता बनी रहती है कि कब टायर पंचर हो जाए और सफर बीच में ही रुक जाए। डामर सड़क नहीं होने और गहरे गड्ढे होने के कारण वाहन हिचकोले खाते हुए चलते है। माल से भरे भारी वाहनों को रेंग रेंग कर चलने से बहरोड से कुण्ड का जो लगभग एक घण्टे का सफर है उसको पूरा करने में लगभग चार-पाॅच घण्टे से भी ज्यादा समय लग जाता है।
सड़क निर्माण के बंद पड़े कार्य से लोगों को हो रही परेशानी-
बता दें कि बहरोड़ विधानसभा क्षेत्र की लाईफ लाइन कहे जाने वाले बहरोड़-कुंड सड़क मार्ग को गत सरकार के दौरान स्टेट हाइवे नं. 111 एवं माजरीकलां से नीमराना तक बनने वाले स्टेट हाइवे को 111ए का दर्जा देकर पीपीपी मोड़ पर निर्माण कार्य शुरू किए जाने की टैंडर प्रक्रिया पूरी कर दी गई थी। बहरोड़ विधानसभा क्षेत्र की लाईफ लाइन कहे जाने वाले बहरोड़-कुंड स्टेट हाईवे को दो साल पहले नई सड़क बनाने के लिए निर्माण कम्पनी ने पुरानी सड़क को उखाड़ दिया था। उसके बाद से निर्माण कार्य बन्द पड़ा हुआ है। जो लोगों के लिए परेशानी का सबब बन चुका है। शासन और प्रशासन कोई इस पर ध्यान नहीं दे रहा है। शासन के नेताओं और प्रशासन के सक्षम अधिकारियों की ओर से केवल आश्वासन दिये जा रहे हैं। जिसके चलते इस मार्ग से गुजरने वाले वाहन चालक और ग्रामीण मिट्टी फांकने को मजबूर है। वहीं कास्तकारों का कहना है कि भारी वाहनों के गुजरने से चलने वाली धूल भरी आंधी से सड़क के दोनों ओर लगभग 200 मीटर दूरी तक खेतों में लगाई गई फसल प्रभावित हो रही हैं। पौधों पर मिट्टी जमा हो जाने से फूल कम आते हैं और पैदावार कम हो जाती है। क्षेत्रवासियों ने स्टेट हाइवे निर्माण कार्य में तेजी लाकर शीघ्र बनाने की मांग की है।
बहरोड़ – कुंड स्टेट हाईवे पर विकास की अपार संभावनाएं है-
प्राप्त जानकारी के अनुसार पीपीपी मोड़ पर बनने वाले इस स्टेट हाइवे मार्ग पर माजरी खुर्द के समीप टोल-प्लाजा लगाया जाना प्रस्तावित है। ग्रामीण बताते है कि बहरोड़, नीमराना एवं घीलोठ औद्योगिक क्षेत्र की समीपता एवं काठूवास में एशिया का सबसे बड़ा रेलवे कंटेनर डिपो होने के चलते बहरोड़ – कुंड स्टेट हाईवे पर विकास की अपार संभावनाएं है लेकिन स्टेट हाइवे निर्माण कार्य पूरा होने से पहले कोई भी नया निर्माण करने का रिस्क नहीं उठा रहा है। जिससे इस मार्ग पर विकास अवरूद्ध पड़ा है।