वाराणसी के ज्ञानवापी मामले में कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है। इस फैसले में कहा गया है कि उपरोक्त मुकदमा न्यायालय में चलने योग्य है। मामले की सुनवाई होगी।
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कोर्ट ने कहा कि शृंगार गौरी केस सुनने लायक है। कोर्ट आगे इस मामले की सुनवाई करेगा। 22 सितंबर को सुनवाई की अगली तारीख तय की गई है।
कौन हैं मां श्रृंगार गौरी
हिंदू धर्म में श्रृंगार गौरी वैभव और सौंदर्य की देवी मानी जाती हैं। श्रृंगार गौरी पर सिंदूर चढ़ाकर महिलाएं अपने सुहाग रक्षा के लिए प्रार्थना करती हैं। मान्यता है कि चैत नवरात्र या वासंतिक नवरात्र के चौथे दिन मां श्रृंगार गौरी का विशेष पूजन किया जाता है। काशी में इसी के साथ कुष्मांडा की पूजा के भी पूजन की मान्यता है।
श्रृंगार गौरी का मंदिर काशी विश्वनाथ मंदिर से सटी ज्ञानवापी मस्जिद के पीछे की ओर पड़ता है। 2004 में प्रशासन ने चैत्र की नवरात्रि के चतुर्थी के दिन पूजन की अनुमति दे दी थी लेकिन विवाद गरमाने पर इस जगह पूजा-अर्चना बंद कर दी गई थी।