नई दिल्ली। आज अटल बिहारी बाजपेयी की 95वीं जयती मनाई जा रही है। उनके बारे में जितना बताया जाए वो कम है। अटल बिहारी बाजपेयी बीजेपी के एक ऐसे दिग्गज नेता थे जिन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान इंटरनेट का इस्तेमाल किया था। लेकिन आज दिग्गजनेताओं से लेकर हर कार्यकर्ता इंटरनेट और सोशल मीडिया का जमकर इस्तेमाल करता है। अटल बिहारी वाजपेयी ने 20 साल पहले अपने दौर में चुनाव प्रचार के दौरान इंटरनेट का इस्तेमाल किया था। उस वक्त इंटरनेट का शुरूआती दौर चल रहा था।
बता दें कि साल 1998 में अटल बिहारी के नेतृत्व में ही भारतीय जनता पार्टी की नीव रखी गई थी। लेकिन जयललिता के समर्थन वापस लेने के बाद करीब 13 महीने बाद ही 1999 में यह सरकार गिर गई। लेकिन उसके बाद फिर से आम चुनाव का एलान हुआ। वाजपेयी अकेले ऐसे पीएम थे जिनके चुनाव प्रचार में न केवल रीयल बल्कि इंटरनेट के वर्चुअल माध्यम का इस्तेमाल किया गया था। 27 जुलाई 1999 में उनके चुनाव प्रचार से जुड़ी एक वेबसाइड का उद्घाटन उस वक्त यूपी के बीजेपी मुख्यालय में बीजेपी नेता और फिल्म एक्टर विनोद खन्ना ने किया था। एस चुनाव में वाजपेयी ने जीत हालिस की थी।
वहीं एक और इतेफाक हुआ और वो ये था कि उस वक्त चुनाव प्रचार के लिए नरेंद्र मोदी भी लखनऊ यूपी कार्यालय पर मौजूद थे।ग्लोबल टैक्सपेयर्स ट्रस्ट के चेयरमैन एवं लखनऊ के समाजसेवी मनीष खेमका इस वेबसाइट की लॉन्चिंग टीम का हिस्सा थे। उन्होंने बताया, ‘जिस दिन इस वेबसाइट का उद्घाटन यूपी के बीजेपी मुख्यालय पर प्रस्तावित था, संयोग से नरेंद्र मोदी भी उस समय वहां मौजूद थे। नरेंद्र मोदी ने ही सलाह दी थी कि इस वेबसाइट का उद्धाटन किसी चर्चित चेहरे या यूपी के किसी बड़े नेता से करना चाहिए। उसके बाद विनोद खन्ना को इस काम के लिए चुना गया। विनोद खन्ना की वजह से इस वेबसाइड को अच्छीखासी मीडिया कवरेज भी मिली थी।
गौरतलब है कि इंटरनेट की सेवा भारत में 15 अगस्त 1995 को शुरू हुई थी। जिस वक्त विदेश संचार निगम लिमिटेड ने अपनी टेलीफोन लाइन के जरिए दुनिया के अन्य कंप्यूटर से भारतीय कंप्यूटरों को जोड़ दिया। जनसामान्य के लिए इंटरनेट विदेश संचार निगम लिमिटेड (VSNL) के गेटवे सर्विस के साथ ही आरंभ हुआ। सन 1998 में सरकार ने निजी कंपनियों को इंटरनेट सेवा क्षेत्र में आने की अनुमति दे दी। इसी साल देश की पहली साइट इंडिया वर्ल्ड डॉट कॉम आरंभ हुई। नब्बे के दशक में बीजेपी के कद्दावर नेता अटल बिहारी वाजपेयी ने लखनऊ संसदीय सीट से मैदान में उतरकर जीत का जो सिलसिला शुरू किया था फिर वो थमा नहीं। अटल बिहारी वाजपेयी यहां से लगातार पांच बार 1991, 1996, 1998, 1999 और 2004 में सांसद चुने गए।