मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से राज्य में बनाया जा रहा जेवर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट अब यीडा यानी यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के लिए वरदान साबित हो रहा है। इस एयरपोर्ट की वजह से देश-विदेश के बड़े-बड़े निवेशक एयरपोर्ट के नजदीक ही अपना उद्यम स्थापित करने में रूचि ले रहें हैं।
जेवर एयरपोर्ट के जरिए ‘यीडा’ ने भरी उड़ान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से राज्य में बनाया जा रहा जेवर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट अब यीडा यानी यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के लिए वरदान साबित हो रहा है। इस एयरपोर्ट की वजह से देश-विदेश के बड़े-बड़े निवेशक एयरपोर्ट के नजदीक ही अपना उद्यम स्थापित करने में रूचि ले रहें हैं। होटल से लेकर उद्योग लगाने तक के लिए लोग आगे आ रहे हैं। करीब 17,272.74 करोड़ रुपए का निवेश यहां हो रहा है। यही नहीं टॉय पार्क, फिल्म सिटी, मेडिकल डिवाइस पार्क और लेदर पार्क जैसी तमाम बड़ी योजनाएं यहां शुरू करने का फैसला करने के बाद अब प्रदेश सरकार ‘यीडा’ के क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक एसेसीरीज के लिए इलेक्ट्रॉनिक पार्क विकसित करेगी।
जेवर एयरपोर्ट के ही नजदीक बनेगी इलेक्ट्रॉनिक सिटी
इलेक्ट्रॉनिक सिटी 250 एकड़ में बसाई जाएगी। यहां मोबाइल, टीवी और तमाम दूसरे इलेक्ट्रॉनिक सामान बनाने वाली राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियां आएंगी। जेवर एयरपोर्ट के पास यमुना एक्सप्रेस-वे के किनारे बनने वाली इलेक्ट्रॉनिक सिटी से करीब 50 हजार करोड़ रुपए का निवेश आने की संभावना है। इस इलेक्ट्रॉनिक सिटी में होने वाले निवेश से गौतमबुद्धनगर दुनिया में तो फेमस होगा ही साथ ही यीडा का भी नाम होगा। इस इलाके में अपना बिजनेस स्थापित करने में देश-विदेश के बड़े-बड़े निवेशक रूचि दिखा कर रहे हैं।
फैक्ट्रियों में 2,65,718 लोगों को मिलेगा रोजगार
‘यीडा’ के क्षेत्र जेवर एयरपोर्ट के बनने के फैसले के बाद से अब तक 1942 निवेशकों को बिजनेस स्थापित करने के लिए जमीन उपलब्ध कराई गई है। ये 1942 निवेशक 17,272.74 करोड़ रुपए का निवेश कर अपनी फैक्ट्री यहां लगा रहे हैं। इन निवेशकों की फैक्ट्रियों में 2,65,718 लोगों को रोजगार मिलेगा। यीडा के अधिकारियों के अनुसार, सबसे अधिक रोजगार जेवर एयरपोर्ट, मेडिकल डिवाइस पार्क, फिल्म सिटी, टॉय पार्क और लेदर पार्क में लोगों को मिलेगा। सबसे अधिक नौकरियां जेवर एयरपोर्ट से लोगों को मिलेंगी। इसके बाद सेक्टर-28 में 350 एकड़ जमीन पर 5,250 करोड़ रुपए की लागत से बनाए जाने वाले मेडिकल डिवाइस पार्क में 20 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। फिल्म सिटी में 15 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। टॉय पार्क और लेदर पार्क में भी दस हजार से अधिक लोग रोजगार पाएंगे। इसी तरह इलेक्ट्रॉनिक सिटी भी हजारों लोगों को रोजगार मुहैया कराएगी।
सरकार की नीति से प्रभावित हुए निवेशक- डॉ. अरुण वीर
यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुण वीर सिंह का कहना है कि सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक उद्योग को बढ़ावा देने के लिए जो नीतियां बनाई हैं, उससे बड़े निवेशक बहुत प्रभावित हैं। ये निवेशक सरकार की इंवेस्टर फ्रेंडली नीतियों का लाभ लेते हुए अपना बिजनेस राज्य में स्थापित करना चाहते हैं। जिसका संज्ञान लेते हुए यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में मोबाइल इलेक्ट्रॉनिक एसेसरीज कंपनियों के लिए विशेष तौर पर एक इलेक्ट्रॉनिक पार्क विकसित किए जाने का फैसला किया गया।
इलेक्ट्रॉनिक सिटी 250 एकड़ में बसाई जाएगी
डॉ. अरुण वीर सिंह का कहना है कि यीडा के सेक्टर 14 या फिर सेक्टर-10 में इसे शुरू किए जाने की योजना है। इस पार्क के विकसित होने से प्राधिकरण क्षेत्र में न केवल निवेश आएगा बल्कि लोगों को रोजगार भी मिल सकेगा। नोएडा इंटरनेशनल ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के पास बनने वाली इलेक्ट्रॉनिक सिटी में करीब 50 हजार करोड़ का निवेश आने की उम्मीद है। ये इलेक्ट्रॉनिक सिटी 250 एकड़ में बसाई जाएगी। यहां मोबाइल टीवी और तमाम दूसरे इलेक्ट्रॉनिक सामान बनाने वाली राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियां आएंगी। इससे स्थानीय युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर मिलेंगे।