रविवार को चमोली हुए भयानक हादसे के बाद आज पांचवें दिन भी मौत के बीच जिंदगी तलाश जारी है। इस दिशा में एनटीपीसी की टनल में फंसे 30 से अधिक वर्कर्स को बचाने के लिए कल बुधवार को रेस्क्यू की रणनीति में अहम बदलाव किया गया है।
गौरतलब है कि तपोवन में हुई भारी तबाही के बाद अब शासन-प्रशासन का पूरा फोकस राहत-बचाव के कार्य पर है। रेस्क्यू टीम ने बुधवार को जहां सुरंग में अंदर का हाल जानने के लिए ड्रोन और रिमोट सेंसिंग उपकरणों की मदद भी ली थी, पर 4 दिन से लगातार चल रहे रेस्क्यू के बाद भी टनल में फंसे लोगों को निकालने में काफी दिक्कते आ रही हैं। ऐसे में बीते दिन कर्मचारियों के परिजनों ने टनल के पास पहुंच कर काफी हंगामा भी किया । जिसके बाद टनल में ड्रिलिंग पर विचार किया गया।
दरअसल, अब तक माना जा रहा था कि टनल में टी प्वॉइंट पर कर्मचारी फंसे हुए हैं। पर बुधवार को एनटीपीसी को ये पता लगा कि टी प्वॉइंट नहीं बल्कि सिल्ट फ्लशिंग टनल में कर्मचारी काम रहे थे, जोकि मुख्य टनल से 12 मीटर नीचे हैं। ऐसे में अब मुख्य टंनल में ही 12 मीटर ड्रिल कर सिल्ट फ्लशिंग टनल तक पहुंचा जाएगा। इसके लिए गुरुवार तड़के सुबह से ही टनल में ड्रिलिंग का काम शुरू कर दिया गया है।
बता दें कि चमोली में आए इस प्राकृतिक आपदा में अभी तक 170 से ज्यादा लोग लापता हैं, वहीं 32 लोगों के शव और 10 क्षत विक्षत मानव अंग बरामद हुए हैं। लापता लोगों की तलाश में नौसैनिकों ने कोटेश्वर झील में सर्च ऑपरेशन भी चलाया है, जिसके लिए प्रभावित क्षेत्र के साथ ही अलकनंदा नदी के तटों पर भी खोजबीन की जा रही है।