समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कल यानी रविवार को हरदोई में जनसभा को संबोधित करते हुए। मोहम्मद अली जिन्ना का जो महिमामंडन किया उसके बाद वह एक बार फिर से विवादों में घिर गए हैं।
अखिलेश यादव ने रविवार को जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल, महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू के साथ मोहम्मद अली जिन्ना की तुलना करते हुए कहा कि यह सभी एक ही संस्थान से पढ़ें और बैरिस्टर बने और जिन्होंने हमें आजादी दिलाई।”
हालांकि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के इस बयान के बाद भाजपा लगातार अखिलेश के इस बयान का विरोध कर रही हैं की भारतीय स्वतंत्रता के नायक थे।
वही अखिलेश पर हमलावर होती भाजपा ने ट्विटर के माध्यम से अखिलेश यादव के वीडियो क्लिप को साझा करते हुए लिखा है कि “सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर अखिलेश यादव जिन्ना की प्रशंसा क्यों कर रहे हैं?”
सपा कर रही है तुष्टीकरण की राजनीति : भाजपा
भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने अखिलेश के बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि “ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई कर चुके सपा अध्यक्ष की यह बात सुनकर मुलायम सिंह का भी सर ऊंचा रखेंगे। जहां एक ओर देश मोहम्मद अली जिन्ना को बंटवारे का खलनायक मानता है। वही अखिलेश यादव जिन्ना को आजादी का हीरो बताकर केवल मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं।
इसके साथ ही भाजपा सांसद बृजलाल ने अखिलेश पर मुस्लिम तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति करने व राष्ट्रीय भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया है।
जिन्ना का महिमामंडन करने के बाद कटघरे में अखिलेश
हालांकि अभी तक समाजवादी प्रमुख अखिलेश यादव भाजपा सरकार कि खराब शासन किसानों, युवाओं, महिलाओं की स्थिति को लेकर टिप्पणियां करते थे। लेकिन इस बार सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर जिन्ना का महिमामंडन करना अखिलेश यादव को भारी पड़ गया है।