लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव अप्रेल में होने हैं। 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले ही पंचायत चुनावों में राजनीतिक दल अपना दमखम दिखा रही हैं। राजनीतिक दल पंचायत चुनावों के जरिए ही 2022 का गणित बिठाने में लगे हैं और पंचायत चुनाव इस लिहाज से काफी अहम हो जाते है और यह बात भी सही है कि पंचायत चुनावों के परिणाम से 2022 के विधानसभा चुनाव की मोटामाटी तस्वीर साफ हो जाएगी। यही वजह है कि सियासी दल इस पंचायत चुनाव में पूरे दमखम के साथ उतरने की तैयारी कर रहे हैं। फिर चाहे सत्ताधारी बीजेपी हो, समाजवादी पार्टी हो, कांग्रेस हो या फिर उत्तर प्रदेश की सियासत में एंट्री करने की तैयारी में जुटी आम आदमी पार्टी हो या ओवैसी की एआईएमआईएम, सभी इन पंचायत चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारने में जुटे हैं। बीजेपी के 10 और समाजवादी पार्टी के दो सदस्यों ने नामांकन दाखिल किया है।
उत्तर प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनाव के लिए फाइनल वोटर लिस्ट 22 जनवरी को प्रकाशित भी हो चुकी है और इस बार इन चुनाव में वोटरों की कुल संख्या 12 करोड़ 40 लाख से ज्यादा है. जबकि 2015 में कुल वोटरों की संख्या 11 करोड़ 70 लाख थी. वहीं 2015 में कुल 1 लाख 79 हजार पोलिंग स्टेशन बनाए गए थे, जबकि इस बार के चुनाव के लिए पोलिंग बूथों की संख्या 2 लाख 2 हजार के आसपास होगी.