नई दिल्ली। जैसा कि सभी जानते हैं कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन को लगभग दो महीने हो गए हैं। किसान कृषि कानूनों की वापसी के करने के लिए दिल्ली के चारों ओर डटे हुए हैं। जिसके चलते किसान संगठनों ने गणतंत्र दिवस के मौके ट्रैक्टर मार्च करने का ऐलान किया था। जिसके बाद गणतंत्र दिवस पर हुए ट्रैक्टर मार्च में हिंसा भड़क उठी। जिसमें लगभग 300 पुलिसकर्मी घायल हो गए। जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया। इसके साथ ही अब दिल्ली पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस ने किसानों पर एक्शन लेते हुए 37 किसान नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। इसके साथ ही आज गृह मंत्री अमित शाह दोपहर 12 बजे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सिविल लाइन के ट्रॉमा सेंटर का दौरा करेंगे। ट्रॉमा सेंटर में वो पुलिस वाले भर्ती हैं, जो किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा में घायल हो गए थे।
37 किसान नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज-
बता दें कि कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन दिनों दिन उग्र होता जा रहा है। जिसके चलते गणतंत्र दिवस के मौके पर ट्रैक्टर मार्च के दौरान किसानों ने शांतिपूर्वक आंदोलन को अशांति में बदल दिया। इस दौरान किसान इतना उग्र हो गए कि उन्होंने सरकारी संपत्ति को हानि पहुंचाने के साथ-साथ पुलिसकर्मी के साथ भी बर्बता की। इस दौरान लगभग 300 पुलिसकर्मी घायल हो गए। जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 37 किसान नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली। दिल्ली के गाज़ीपुर थाने में राकेश टिकैत के खिलाफ दर्ज केस में जान से मारने की साजिश की धारा 307 को भी जोड़ दिया गया है। इसके अलावा हिंसा फैलाने वाले अन्य किसानों के खिलाफ जानलेवा हमला, डकैती, सरकारी काम में रुकावट डालना, आपराधिक साजिश रचना और दंगा करना जैसी गंभीर धाराओं में मामला दर्ज हुआ। वहीं दूसरी तरफ कुछ किसान अपने आप को इस आंदोलन से दूर कर चुके हैं।
दो किसान संगठनों ने आंदोलन खत्म किया-
इसके साथ ही दिल्ली ट्रेफिक पुलिस ने जानकारी दी है कि गाजियाबाद को दिल्ली से जोड़ने वाला नेशनल हाईवे 24 अब पूरी तरह से खोल दिया गया है। कल दो किसान संगठनों ने आंदोलन खत्म करने का एलान किया था। अब तक गाजियाबाद से दिल्ली जाने वाले वाहन गाजीपुर से निकलकर दिल्ली जा रहे थे। जिसके चलते राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन और भारतीय किसान यूनियन के आंदोलन खत्म करने पर किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने कहा कि जिन किसान संगठनों ने कल की हिंसा के बाद अपना आंदोलन खत्म कर दिया है वह अच्छी बात नहीं है। कल की हिंसा के बाद किसान आंदोलन को झटका लगा है। हम आत्मचिंतन करेंगे। अब हमें लोगों को दोबारा से इकट्ठा करना पड़ेगा। कल जो हुआ उसकी हमने नैतिक ज़िम्मेदारी ली है।