उत्तर प्रदेशः महोबा जिला कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में तीन वहशी दरिंदों ने मिलकर नाबालिग युवती से छेड़खानी करते हुए दुष्कर्म की कोशिश की।विरोध करने पर मारपीट की। युवती के शोर करने पर लोगों को आते देख जान से मारने की धमकी देते हुए तीनों दरिंदे वहां से भाग गए।न्याय के लिए पीड़ित मां ने पुलिस के कई चक्कर काटे लेकिन रिपोर्ट आज तक नहीं लिखी गई।घटना बीते 12 नवंबर की है। ऐसे में पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान लग रहे हैं।
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पुलिस का ये गैर जिम्मेदाराना रवैया
पीडिता के मुताबिक दो बार पुलिस अधीक्षक के यहां जाने पर भी आरोपियों से कोतवाली पुलिस की सांठगांठ के चलते कोई कार्रवाई नहीं की गई है।पुलिस अधीक्षक ने कार्रवाई का अश्वासन दिया था।लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।पीड़िता के मुताबिक पुलिस खुद आरोपी के बचाने के लिए कहती है कि सुलह कर लो पुलिस तुम्हें कब तक बचाएगी!
दबंगों के खिलाफ कोई भी कुछ कहने से डरता है
ऐसे में पुलिस का ये गैर जिम्मेदाराना रवैया सूबे की योगी सरकार के महिला सुरक्षा और अपराधियों के प्रति जीरों टॉलरेंस की नीति के दावों की पोल खोल रहा है। गौरतलब है कि कि पीड़ित युवती की मां के अलावा परिवार में उसकी दो छोटी बहनें हैं।पिता की तीन साल पहले एक सड़क दुर्घटना में मौत होई थी।युवती कहा कहना है कि ऐसे में दबंगों के खिलाफ कोई भी कुछ कहने से डरता है।
पुलिस ने आरोपियों को छोड़ दिया
बता दें कि पूरा मामला महोबा जिला कोतवाली क्षेत्र के पचपहरा गांव का है।बीते 12 नवंबर,को रामदयाल यादव, गंगा यादव,और देवीदीन यादव ने एक युवती को दुकान जाते वक्त बुरी नियत से छेड़ा, विरोध करने पर मारपीट की, कहा अगर पुलिस में रिपोर्ट की तो काटके फेंक देंगे। पुलिस के रिपोर्ट नहीं लिखने पर पीड़िता ने पुलिस अधीक्षक कुंवर अनुपम सिंह से मदद की गुहार लगाई जिसके बाद पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद छोड़ दिया।