लखनऊ से राहुल श्रीवास्तव की रिपोर्ट
नई दिल्ली। श्रमिकों, कामगारों के लिए कोरोना आपदा में भी सबसे महफूज ठिकाना बना यूपी, एक अकेला प्रदेश जहां से नहीं किया अप्रवासी मज़दूरों ने पलायन, जहां पहुंचे सबसे ज्यादा दस लाख प्रवासी श्रमिक कामगार हैं।
- सबसे बड़ी आबादी के बावजूद योगी सरकार लगातार कर रही है सबके लिए भोजन, रोजगार, भरण पोषण और सुरक्षा का इंतजाम
- लाकडाउन के दौरान भी यूपी की बंद पड़ी औद्योगिक इकाईयों से योगी सरकार ने कराया हर कर्मचारी को भुगतान, इकाईयों ने किया 1592.37 करोड़ रुपए वेतन और मानदेय का बड़ा भुगतान
- बंद पड़ी इकाईओं से सरकार लगातार कराती रही कर्मचारियों व श्रमिकों का पूरा भुगतान
- श्रमिकों, कामगारों के रोजगार, मानदेय और भरण पोषण भत्ते समेत तमाम सुविधाएं दिलाने को लेकर सीएम योगी आज कर रहे हैं टीम – 11 की बैठक
- सरकार के प्रयास से लाक डाउन फर्स्ट के दौरान और उसके प्रदेश में निरंतर चलती रहीं 119 चीनी मिलें
- 12000 र्ईंट भठ्ठों और 2500 कोल्ड स्टोरेज भी लगातार चलते रहे
- चीनी मिलों के जरिए औसतन लगभग 1000 भट्ठे में लगभग150- 200 और कोल्ड स्टोरेज में लगभग 60 से डेढ़ सौ लोगों को लगातार मिलता रहा रोजगार और वेतन/मानदेय
- लाकडाउन सेकंड में योगी सरकार ने चलवाई बड़ी औद्योगिक इकाईयां जिनमें मिला 2.12 लाख लोगों को रोजगार
- लाकडाउन सेकेंड में ही एमएसएमई से दिया 16.40 लाख लोगों को रोजगार
- मनरेगा में मिल रहा है 23.6 लाख लोगों को प्रतिदिन रोजगार
- योगी सरकार अब तक 31.70 लाख निराश्रित एवं निर्माण श्रमिकों को रूपए 1000 का भरण-पोषण भत्ता और मुफ्त खाद्यान्न मुहैया करा चुकी है