लखनऊ। उन्नाव रेप मामले में आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ सीबीआई को अहम सबूत मिले है। इन सबूतों के बाद पीड़िता द्वारा लगाए गए आरोपों को बल मिला है। सीबीआई का कहना है कि उन्हें ऐसे सबूत मिले हैं, जिनसे कुलदीप सेंगर की इस मामले में संलिप्तता की बात सही साबित होती है। इसके अलावा मामले में पुलिस द्वारा शुरुआत में लापरवाही बरते जाने के भी सबूत मिले हैं। गौरतलब है कि पीड़िता ने आरोप लगाया था कि माखी गांव में पिछले साल 4 जून को विधायक सेंगर ने उसके साथ बलात्कार किया था।
पीड़िता ने बताया था कि सेंगर कि महिला सहयोगी शशि सिंह गार्ड के तौर पर रूम के बाहर खड़ी थी। सीबीआई का कहना है कि फोरेंसिक जांच की रिपोर्ट और घटनाक्रम को रिंकस्ट्रक्ट करने के बाद वे उस निष्कर्ष पर पहुंची है कि पीड़िता द्वारा गया गैंगरेप का आरोप सही है। सीबीआई ने अब तक इस मामले में आरोपी विधायक सेंगर, पीड़िता के पिता की पीट-पीट कर हत्या के आरोपी विधायक के भाई अतुल सेंगर, कुलदीप सेंगर की नजदीकी सहयोगी रही महिला शशि सिंह कई लोगों से पूछताछ की है।
इसके साथ ही सीबीआई ने पूरे घटनाक्रम को क्रमवार तरीके से रीकंस्ट्रक्ट भी किया। पीड़िता ने 164 के तहत दर्ज बयान में घटना का जो ब्यौरा दिया है, वह सीबीआई द्वारा घटनाक्रम के रिकंस्ट्रक्शन में सही पाया गया। इसके अलावा, सीबीआई का ये भी कहना है कि स्थानीय पुलिस ने इस केस में लापरवाही बरती और पिछले साल 20 जून के दर्ज किए गए केस में आरोपी विधायक कुलदीप सेंगर और कुछ अन्य लोगों का नाम बाहर रखा। साथ ही, चार्जशीट दाखिल करने में भी देरी की गई थी।