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साइबर क्राइम से बचने में मददगार बनेंगे तीन ऑप्शन, अब मार्केट में आया साइबर इंश्योरेंस

838d0211 247e 4407 b6c5 754b346dc1a3 साइबर क्राइम से बचने में मददगार बनेंगे तीन ऑप्शन, अब मार्केट में आया साइबर इंश्योरेंस

नई दिल्ली। डिजिटल दौर में अब हर कोई ऑनलाइन काम करता है। कोई भी व्यक्ति घर बैठे आसानी से ऑनलाइन शॉपिंग, बैंक ट्रांजेक्शन कर सकते हैं। लेकिन इन सब में साइबर अटैक होने का खतरा ज्यादा होता है। तो आपको जानकारी के लिए बता दें कि मार्केट में अब दो-तीन बड़ी इंश्योरेंस कंपनी साइबर क्राइम और किसी भी तरह के ऑनलाइन फ्रॉड से बचने के लिये साइबर इंश्योरेंस दे रही हैं। अच्छी बात ये है कि इन साइबर इंश्योरेंस का प्रीमियम बहुत ज्यादा नहीं है और ये इंटरनेट के माध्यम से होने वाले हर क्राइम में अलग अलग तरह का कवरजे दे रहे हैं। इस पॉलिसी को कोई भी ले सकता है खासतौर पर जो लोग ऑनलाइन काम करते हैं या काम के लिये काफी ट्रांजेक्शन करते हैं उनके लिये ये अच्छी पॉलिसी है। तो आइये जानते हैं ऐसे टॉप 3 इंश्योरेंस के बारे में पूरी जानकारी।

Bajaj Allianz का साइबर सेफ इंश्योरेंस- 

अगर आप 5 लाख तक की बजाज आलियांज की साइबर सेफ इंश्योरेंस पॉलिसी  खरीदते हैं तो इस पॉलिसी का सालाना प्रीमियम 1823 रुपये हैं। हालांकि इसमें कितना कवर मिलेगा ये फ्रॉड पर निर्भर करेगा। अलग अलग ऑनलाइन फ्रॉड में अलग कवरेज हैं। जैसे फिशिंग की वजह से आपको कवर 25 परसेंट मिलेगा इसलिए 5 लाख के इंश्योरेंस में फिशिंग के लिए क्लेम की सीमा 1.25 लाख रुपये होगी। ईमेल स्पूफिंग की सीमा 15 फीसदी है इसलिये ईमेल स्पूफिंग के चलते कोई भी क्लेम 75,000 रुपये तक सीमित होगा। इसके अलावा बीमा कंपनी आईटी कंसल्टेंट सर्विसेज कवर कॉस्ट का भुगतान करती है।

एचडीएफसी एर्गो का साइबर सिक्योरिटी इंश्योरेंस- 

एचडीएफसी एर्गो की साइबर सिक्योरिटी इंश्योरेंस 5 लाख तक का कवरेज देता है। इस प्लान में भी सब-लिमिट हैं। लेकिन मालवेयर हमलों से सुरक्षा को ऑप्शनल रखा गया है। इस पॉलिसी में ऑनलाइन कम्यूनिकेशन, ऑनलाइन थ्रेट और ऑनलाइन बिजनेस से जुड़े लॉस कवर हैं। इस पॉलिसी में 50 हजार से लेकर एक करोड़ तक का कवर है और प्रीमियम सालाना 1410 रुपये से लेकर 15 हजार तक है।

ICICI लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस का साइबर इंश्योरेंस-

रिटेल साइबर लायबिलिटी इंश्योरेंस पॉलिसीहोल्डर और उसके फैमिली मेंबर को साइबर फ्रॉड से बचने के लिये कवर देता है। इसमें ऐसे डिजिटल फ्रॉड कवर हैं जिनसे किसी तरह का फाइनेंशियल या किसी और तरह नुकसान हो सकता है। इस पॉलिसी को कोई भी ले सकता है खासतौर पर जो लोग ऑनलाइन काम करते हैं या काम के लिये काफी ट्रांजेक्शन करते हैं उनके लिये ये अच्छी पॉलिसी है। रिटेल साइबर लायबिलिटी इंश्योरेंस पॉलिसी काफी सस्ती है और इसमें एक साल का प्रीमियम करीब 2340 रुपये से लेकर 5000 रुपये तक है।  इस पॉलिसी से मिलने वाला इंश्योरेंस 50 हजार रुपये से लेकर 1 करोड़ रुपये तक है। इस इंश्योरेंस में आइडेंटिटी थेफ्ट, साइबर बुलिंग, मालवेयर और बैंक अकाउंट, क्रेडिट कार्ड और मोबाइल वॉलेट से गलत और धोखाधड़ी से होने वाले फाइनेंशियल लॉस के लिये कवर मिलेगा। इस इंश्योरेंस में किसी भी कवर किए जाने वाले जोखिमों से जुड़े कानूनी खर्च भी शामिल हैं। इसके अलावा अगर किसी पर्सन को फ्रॉड से जुडे फैक्ट तैयार करने में जो टाइम लगा और उससे जो सैलरी का नुकसान हुआ वो भी क्लेम किया जा सकता है।

साइबर पॉलिसी लेते वक्त इन बातों का रखें ख्याल-

· साइबर बीमा पॉलिसी लेते वक्त ये जरूर देख लें कि उसमें ईमेल स्पूफिंग और फिशिंग की वजह से होने वाले वित्तीय नुकसान कितना कवर हैं
· बैंक खाते, डेबिट या क्रेडिट कार्ड या ई-वॉलेट में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में धोखाधड़ी कितना कवर है
· गोपनीयता पर हमले के कारण इमेज को होने वाला नुकसान पर क्या कवर है
· पॉलिसीहोल्डर अगर क्लेम करता है तो उस क्लेम की लागत से जुड़े नुकसान और खर्च कवर हैं या नहीं
· मालवेयर की एंट्री से डेटा या कंप्यूटर प्रोग्राम को होने नुकसान के बाद इन्हें वापस इंस्टॉल करने पर होने वाला खर्च
· फ्रॉड होने पर बचाव के लिये कंसल्टेंसी सर्विस पर होने वाला खर्च
· कोर्ट में सुनवार्इ के दौरान पहुंचने के खर्च कवर है या नहीं

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