नई दिल्ली: तीन तलाक बिल पिछले कई महीनों से राजनीति का केंद्र बना हुआ है। कई राजनीतिक दल इस बिल का विरोध कर रहें है तो कई इसके पक्ष में भी बात कर रहें हैं। देश की सियासत घूम फिर कर इसी बिल पर आकर रुक जाती है। बीते दिनों यह बिल लोकसभा से तो पास हो गया लेकिन राज्यसभा में एक बार फिर तीन तलाक़ बिल अटक सकता है.
लोकसभा में पास हो चुका है बिल
आपको बता दें कि गुरुवार को ही यह तीन तलाक बिल लोकसभा में पास हुआ था. वहीं इस बिल पर कानून तभी बन सकता है जब दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) में पास होना जरूरी है. गुरुवार को इस बिल में पूरे दिन चर्चा होने के बाद भी कांग्रेस , आरजेडी, एआईएमआईएमस और समाजवादी पार्टी ने बिल के विरोध में सदन से वॉकआउट किया था. हालाकि बीजेपी के पास लोकसभा में बहुमत होने के कारण यह बिल पास हो गया. इस बीच खबर है कि विपक्षी नेताओं की 31 दिसम्बर को बैठक होने वाली है.
बिल को सेलेक्ट कमिटी भेजने की मांग करेगी विपक्षी पार्टिया
माना जा रहा है कि सभी विपक्षी पार्टिया एक प्रस्ताव पेश करेगी. वह नियम 125 के तहत तीन तलाक बिल को सेलेक्ट कमिटी भेजने की मांग करेगी. मुस्लिम समाज में एक बार में तीन तलाक पर रोक लगाने के मकसद से लाये गए ‘मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक’ को लोकसभा की मंजूरी मिल गई.
इसके बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस को बिल का समर्थन नहीं करने के लिए माफी मांगनी चाहिए. वहीं कांग्रेस ने बीजेपी पर 2019 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीति करने का आरोप लगाया. कांग्रेस समेत विपक्षी दल विधेयक को संयुक्त प्रवर समिति को भेजे जाने की मांग कर रहे थे.
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का निशाना
लोकसभा में तीन तलाक विधेयक पारित होने को मुस्लिम महिलाओं की समानता और गरिमा सुनिश्चित करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम करार देते हुए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने मांग की है कि कांग्रेस दशकों तक अन्याय के लिये माफी मांगे.
शाह ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार को लोकसभा में सफलतापूर्वक तीन तलाक विधेयक पारित होने के लिये बधाई दी और कहा कि यह ‘‘मुस्लिम महिलाओं की समानता और गरिमा सुनिश्चित करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है.’’ उन्होंने कहा कि मुस्लिम महिलाओं के साथ दशकों तक अन्याय के लिये कांग्रेस और अन्य दलों को निश्चित रूप से माफी मांगनी चाहिए.