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यूपी के सीएम आदित्यनाथः योगी से ‘योगी राज’ तक का सफर

Aditynath यूपी के सीएम आदित्यनाथः योगी से 'योगी राज' तक का सफर

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में 14 साल के वनवास को खत्म करते हुए 11 मार्च 2017 के दिन भारतीय जनता पार्टी को 325 सीटों के साथ प्रचंड बहुमत हासिल हुआ। यूपी का रण जीतने के बाद अब सबसे बड़ा सवाल यह था कि प्रदेश की कमान किसे दी जाएगी। 18 मार्च को इस सवाल से भी पर्दा उठा जब विधायक दल की मीटिंग में योगी आदित्यनाथ के नाम पर मुहर लगी। इसी के साथ गोरखपुर में अपना धाक जमाने वाले योगी प्रदेश की सबसे बड़ी कुर्सी पर सवार हुए। इस सबके बीच आइए जानते हैं कि योगी आदित्यनाथ का सफर कितने मुश्किलों भरा रहा और कैसे वह एक छोटे से शहर से उठकर प्रदेश की सबसे बड़ी गद्दी पर बैठे।

Yogi ji यूपी के सीएम आदित्यनाथः योगी से 'योगी राज' तक का सफर

ऐसा रहा योगी आदित्यनाथ के जीवन का सफर- 5 जून 1972 को उत्तराखंड के एक छोटे से परिवार में जन्मे योगी आदित्यनाथ के बारे में किसी ने सोचा भी नहीं था कि यह बालक एक दिन देश के सबसे बड़े प्रदेश का प्रतिनिधित्व करेगा।योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से सांसद रहे हैं। आदित्यनाथ की छवि कट्टर हिंदू के रुप में होती रही है। वर्ष 1998 से लगातार योगी आदित्यनाथ गोरखपुर का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं। पिछले आम चुनावो में योगी आदित्यनाथ पांचवी बार लगातार गोरखपुर से सांसद चुने गए थे। बता दें कि योगी जी हिंदू युवा वाहिनी के संस्थापक हैं। वर्ष 1998 में गुरु अवैद्यनाथ के राजनीति से सन्यास लेने के बाद उन्होंने आदित्यनाथ को उत्तराधिकारी घोषित किया गया था जिसके बाद 12वीं लोकसभा में चुन कर 1998 में आदित्यनाथ पहली बार गोरखपुर से सांसद बने।

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जब संसद में रो पड़े थे योगी आदित्यनाथ- अपने बेबाक बोल और कट्टर अंदाज के लिए मशहूर योगी आदित्यनाथ एक बार संसद में फूट फूट कर रोने भी लग थे, हुआ यूं था कि साल 2006 में जब योगी लोकसभा में कुछ बोलने के लिए खड़े हुए थे, तो अपने वक्तव्य के दौरान उन्होनें खुद पर पुलिस की प्रताड़ना का जिक्र भी किया जिस दौरान वह रोने लगे थे।योगी इस कदर आहत थे कि वह अपने दर्द को बयां करते करते रो पड़ें थे। योगी के इस दर्द को भले ही संसद में उपस्थित सांसद न समझे हो और उनका उपहास उड़ाया हो लेकिन आज उनके हिंदुत्व के निष्काम संघर्ष ने ही मुख्यमंत्री की मंजिल तक पहुंचाया है। यह बात अलग है कि तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने संसद की गरिमा को बरकरार रखा और इस घटना की कड़ी निंदा की थी। इसी का नतीजा था कि दो दिन योगी को गिरफ्तार करने वाले डीएम और एसपी सस्पेंड कर दिए गए थे।

बता दें किसाल 2002 में हुए मोहन मुड़ेंरा कांड में एक युवती के साथ हुए बलात्कार के मुद्दे पर 47 अल्पसंख्यकों के घरों में आग लगाई दी गई थी। बता दें कि यह मामला योगी पर गोरखपुर में दंगा कराने के आरोप का था, उस वक्त प्रदेश में मुलायम सिंह यादव की सरकार थी। योगी ने सपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि सपा सरकार उन्हें निशाने पर लेकर पुलिस के जरिए तंग करा रही है।

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योगी आदित्यनाथ के जीवन की मुख्य बातें-

  • 5 जून 1972 को उत्तराखंड के छोटे से गांव में जन्मे योगी आदित्यनाथ
  • 26 साल की उम्र में पहली बार बने सांसद
  • हिंदू युवा वाहिनी के संस्थापक हैं योगी जी
  • योगी आदित्यनाथ का असल नाम है अजय सिंह बिष्ट
  • शैक्षिक योग्यता-गणित से बीएससी
  • उत्तराखण्ड के गढ़वाल के रहने वाले है योगी
  • 44 साल के योगी गोरखपुर से 5 बार से सांसद है
  • योगी आदित्यनाथ 1999, 2002, 2004, 2009 और 2014 का लोकसभा चुनाव जीतें हैं

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