उत्तराखंड। चीन, उत्ताराखंड और नेपाल से मिली हुई लगभग 600 किलोमीटर लंबी सीमा सामरिक दृष्टि से संवेदनशील है। जिसे और ज्यादा सुरक्षित बनाने के लिए खास रेजीमेंट की सिथापना की जाएगी। थल सेना के अध्यक्ष बिपिन रावत का कहना है कि उत्तराखंड की सरहद किसी भी दूसरी सीमा से कम या ज्यादा संवेदनशील नहीं है। यहां से कोई घुसपैठ न हो इसलिए राज्य में माउंटेन रेजीमेंट स्थापित की जा रही है और इसके लिए काम चल रहा है।
बता दें कि भारत की सीमाओं में जिस तरह चीन और भारत में तनाव की स्थिति बनी हुई थी और चीन बार-बार घुसपैठ कर रहा था उसे देखते हुए। उत्तराखंड में भी सेना के आधारभूत ढांचे को मजबूत करने की तैयारी की जा रही है। अनमैन्ड एरियल व्हीकल यानी यूएवी के जरिये सीमा की निगरानी की जाएगी। इसके साथ ही फायरिंग रेंज तैयार करने के लिए भी उपयुक्त जमीन तलाशी जा रही है। अब सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने राज्य में माउंटेन रेजीमेंट की स्थापना की बात कही है।
वहीं पिछले 17 सालों में चीन की ओर से कई बार उत्तराखंड की सीमा में घुसपैठ की कोशिश की जा चुकी है। साथ ही नेपाल से लगते इलाकों में मानव तस्करी से लेकर नशे का कारोबार और माओवादियों की पैठ बढ़ने की खबरें भी आती रहती हैं। चीन ने अपनी सीमा पर अत्याधुनिक सुविधाओं का ढांचा खड़ा किया है। ऐसे में देश की सुरक्षा के लिए ज़रूरी है कि उत्तराखंड की सीमा को और मजबूत किया जाए।