देहरादून। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की 10 सदस्यीय टीम चमोली जिले के त्रिशूल पर्वत पर एक लापता पर्वतारोही के लिए खोज और बचाव अभियान चला रही है।
लापता पर्वतारोही हंगरी का मूल निवासी है और कथित तौर पर हिमस्खलन की चपेट में आ गया था। चमोली की जिलाधिकारी स्वाति भदौरिया ने कहा कि स्थानीय वन रेंजर के साथ एनडीआरएफ की टीम पहले ही बेस कैंप में पहुंच गई थी। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) को सोमवार को बचाव मिशन के बारे में सूचित किया गया था; वे मंगलवार को ऑपरेशन के लिए अपने उच्च ऊंचाई वाले विशेषज्ञ को भेजेंगे।
एसडीआरएफ द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, लापता पर्वतारोही की पहचान पीटर विटटेक के रूप में की गई है। वह छह सदस्यीय सिंगापुर-वियतनामी-हंगेरियन-मॉरीशस अभियान का हिस्सा है जो त्रिशूल पर्वत पर ट्रेक करने की योजना बना रहा था। हंगरी का पर्वतारोही कथित तौर पर शिविर से लापता हो गया।
डीएम भदौरिया ने कहा, “हमें भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) से लापता पर्वतारोही के बारे में जानकारी मिली। इसके तुरंत बाद बचाव दलों को सूचित किया गया कि वे किस मार्ग से जाने की योजना बना रहे हैं, क्योंकि वे तीन संभावित मार्ग हैं। तब तक हमें जानकारी मिली कि वे सुतोली मार्ग ले गए, जो घाट के पास स्थित है और बेस कैंप वहां से कुछ ही किलोमीटर दूर है। स्थानीय वन रेंजरों के साथ एनडीआरएफ की 10-सदस्यीय टीम पहले से ही खोज और बचाव मिशन के लिए बाहर है।