नई दिल्ली। देश के 21 बड़े राज्यों में किए गए लिंगानुपात सर्वेक्षण को लेकर हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। देश के 21 बड़े राज्यों में से 17 में लिंगानुपात में भारी गिरावट दर्ज की गई है। नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक इन राज्यों में कन्या भ्रूण हत्या के मामलों में बढ़ोतरी हुई,जिसके चलते इन राज्यों में सख्ती से जांच पर रोक लगाने का निर्देश दिया गया है। नीति आयोग के हेल्दी स्टेट्स, प्रोग्रेसिव इंडिया की रिपोर्ट में साल 2012 से 2014 को बेस ईयर जबकि साल 2013 से 2015 को रेफरेंस ईयर माना गया है। इस रिपोर्ट के मुताबिक गुजरात में लिंगानुपात तेजी से गिरा है। यहां 1000 लड़कों की बजाए जहां पहले लड़कियों की संख्या 907 थी अब वो घटकर 854 रह गई है।
वहीं मध्य प्रदेश में ये आकड़ा घटकर 927 से 919 हो गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जन्म से पहले भ्रूण हत्या की लिंग जांच वाला पीसीएनडीटी एक्ट राज्यों में प्रभारी तरीके से लागू करना जरूरी है। साथ ही बेटियों के महत्व के बारे में प्रचार के लिए जरूरी कदम उठाए जाने की भी जरूरत है। गिरावट के मामले में गुजरात के बाद हरियाणा दूसरे स्थान पर हैं। जहां पर लिंगानुपात में 35 प्वॉइंट की गिरावट दर्ज की गई है। हरियाणा में प्रति हजार लड़कों पर लड़कियों की संख्या 866 से घटकर 831 हो गई है।
हरियाणा के बाद राजस्थान में 32, उत्तराखंड में 27, महाराष्ट्र में 18, हिमाचल प्रदेश में 14, छत्तीसगढ़ में 12 और कर्नाटक में 11 प्वॉइंट की गिरावट हुई है।रिपोर्ट में बताए गए 17 राज्यों में जन्म के समय का लिंगानुपात 10 या इससे ज्यादा प्वॉइंट गिरा है। रिपोर्ट के मद्देनजर जन्म के समय लिंगानुपात के मामले में पंजाब में हालात सुधरे हैं। यहां 19 प्वॉइंट बढ़े हैं। यह आंकड़ा प्रति हजार 870 लड़कियों से बढ़कर 889 हो गया है। वहीं, उत्तरप्रदेश में 10 और बिहार में 9 प्वॉइंट बढ़े हैं।