नई दिल्ली : केन्द्रीय रिजर्व बैंक और वित्त मंत्रालय के बीच जारी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. जहां मंगलवार वित्त मंत्री अरुण जेटली ने देश में बैंक एनपीए का ठीकरा आरबीआई से सिर फोड़ा है, वहीं अब केन्द्रीय रिजर्व बैंक गवर्नर उर्जित पटेल के पास मौजूद विकल्पों में इस्तीफा देना भी शामिल है. एक प्रमुख बिजनेस चैनल के मुताबिक मौजूदा परिस्थिति में उर्जित पटेल के इस्तीफा की संभावना बनी हुई है.
बचा है अभी 11 महीने का कार्यकाल
कहा जा रहा है कि वर्तमान हालात का असर उर्जित पटेल के भविष्य पर भी पड़ सकता है। एक रिपोर्ट के अनुसार अगले साल सितंबर में उर्जित पटेल के 3 साल का कार्यकाल पूरा हो रहा है। पटेल के सेवा विस्तार की बात तो दूर की है उनके बाकी के कार्यकाल पर भी सवाल उठ रहे हैं।
लागू हो सकता यह सेक्शन
जानकारी के मुताबिक उर्जित पटेल ने अपना पक्ष सरकार के सामने रख दिया है। उर्जित पटेल ने सरकार से कह दिया है कि वो आरबीआई के रिजर्व पर पर रेड न करे। सरकार चाहती है कि अगर पटेल इस्तीफा देते हैं तो अगला गवर्नर कोई ब्यूरोक्रेट हो।
सरकार ने अब तक आरबीआई एक्ट के सेक्शन 7 को लागू नहीं किया है। पिछले कुछ समय से सरकार और रिजर्व बैंक के बीच कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर विरल वी आचार्य ने शुक्रवार को कहा था कि केंद्रीय बैंक की आजादी की उपेक्षा करना ‘बड़ा घातक’ हो सकता है।